देश की खबरें | पेट्रोल-डीजल पर लगे उत्पाद शुल्क को और कम करने के लिये गहलोत ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
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जयपुर, सात नवंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लागू उत्पाद शुल्क को और कम करने का आग्रह किया है ताकि महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत मिल सके।
गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि केन्द्र द्वारा उत्पाद शुल्क कम करने के साथ ही राज्यों का वैट आनुपातिक रूप से अपने आप ही कम हो जाता है।
उन्होंने पत्र में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर पांच रूपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 10 रूपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क कम करने से राज्य में वैट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रूपये प्रति लीटर व डीजल पर 2.6 रूपये प्रति लीटर की कमी स्वतः हो गई है। इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि होगी।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राजस्थान की जनता को राहत देने के लिए हमारी सरकार ने इस वर्ष की शुरूआत में 29 जनवरी, 2021 को वैट में दो प्रतिशत की कमी की थी। इससे राज्य को वैट राजस्व में एक हजार करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि हुई। इस तरह अब राज्य के कोष पर कुल 2800 करोड़ प्रति वर्ष की राजस्व हानि का भार आ गया है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि केन्द्र पेट्रोलियम कंपनियों को पाबंद करे कि वे रोज-रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि न करें क्योंकि ऐसा होने पर पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।
उन्होंने पत्र में लिखा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 से उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क छह रूपये से बढ़ाकर 11 रूपये प्रति लीटर एवं अतिरिक्त उत्पाद शुल्क दो रूपये से बढ़ाकर 18 रूपये प्रति लीटर तथा डीजल पर विशेष उत्पाद शुल्क शून्य से बढ़ाकर आठ रूपये प्रति लीटर एवं अतिरिक्त उत्पाद शुल्क दो रूपये से बढ़ाकर 18 रूपये प्रति लीटर कर दी है।
इसी प्रकार वर्ष 2021 के केन्द्रीय बजट में कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगा दिया गया जो पेट्रोल पर 2.50 रूपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रूपये प्रति लीटर है। उपरोक्त वृद्धि का लाभ केवल केन्द्रीय राजस्व को मिलता है जबकि राज्यों के बीच बांटे जाने वाले मूल उत्पाद शुल्क में उत्तरोत्तर कमी की गई है, इससे राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कोविड-19 से हुई राजस्व में कमी के बावजूद विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के कार्यो को गति दी है। ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को जीएसटी पुनर्भरण के 5,963 करोड़ रूपये का भुगतान बकाया होना राज्य के वित्तीय प्रबन्धन के लिए चुनौतीपूर्ण है।
गहलोत ने कहा कि वित्तीय संघवाद को सुदृढ़ करने हेतु केन्द्र सरकार से पुनः आग्रह है कि उपरोक्त बकाया राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए एवं राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति पुनर्भरण की अवधि वर्ष 2027 तक बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने समय-समय पर केन्द्र सरकार से उत्पाद शुल्क कम करने के लिए आग्रह किया है ताकि आमजन को उत्पाद शुल्क और वैट (मूल्य संवर्धित कर) में कमी का लाभ एकसाथ मिल सके।
उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि केन्द्र उत्पाद शुल्क में और कमी करके महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत प्रदान करे।
गहलोत ने कहा कि कोरोना के प्रभाव एवं अन्य सभी वित्तीय चुनौतियों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क और कम किए जाने पर राजस्थान सरकार जनहित में राज्य के वैट राजस्व में होने वाली हानि वहन करने को तैयार है।
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