देश की खबरें | गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए बनाए थे नए जिले: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़
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जयपुर, 29 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविवार को कहा कि अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए जल्दबाजी में नए जिलों के गठन की घोषणा की ताकि उनकी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके।
राजस्थान सरकार ने शनिवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से नौ को रद्द करने का निर्णय लेते हुए कहा कि यह न तो व्यावहारिक है और न ही जनहित में है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन नए संभागों को भी रद्द कर दिया गया। अब राज्य में केवल सात संभाग और 41 जिले रह जाएंगे।
राठौड़ ने दावा किया कि गहलोत ने पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, लेकिन नए जिलों की घोषणा के बाद खुद रामलुभाया ने आश्चर्य जताया।
उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि गहलोत ने समिति को अंधेरे में रखा और विधायकों को खुश करने के लिए जिलों का बंटवारा किया ताकि उनकी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने इन आरोपों को खारिज किया कि नए जिलों की घोषणा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘अब कई नौकरशाह दावा कर रहे हैं कि नए जिले अव्यावहारिक थे, लेकिन भाजपा यह जानते हुए भी कि निर्णय सही था, हम पर हमला करने के लिए इसे ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है।’’
राठौर ने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने सभी जिलों की समीक्षा के बाद पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ललित पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की, कैबिनेट समिति बनाई और उनकी रिपोर्ट के बाद कैबिनेट बैठक में नौ जिलों और तीन संभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है।
राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा तो कर दी लेकिन न तो उन जिलों के संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था की और न ही उनके कार्यालय संसाधनों आदि की व्यवस्था की
उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत तो पांच साल तक सरकार बचाने में जुटे रहे।
उन्होंने कहा गहलोत सरकार ने बिना गहन चिंतन किये चुनावी आचार संहिता लगने से एक दिन पूर्व अचानक नए जिलों की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि गहलोत ने ऐसे भी नए जिले बना दिए जिसकी कभी किसी ने कोई मांग तक नहीं की।
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