जरुरी जानकारी | एफपीआई ने सितंबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 5,600 करोड़ रुपये डाले
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में करीब 5,600 करोड़ रुपये डाले हैं। त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद तथा अन्य उभरते बाजारों की तुलना में वृहद बुनियाद मजबूत होने की वजह से एफपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
नयी दिल्ली, 11 सितंबर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में करीब 5,600 करोड़ रुपये डाले हैं। त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद तथा अन्य उभरते बाजारों की तुलना में वृहद बुनियाद मजबूत होने की वजह से एफपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
इससे पहले अगस्त में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में 51,200 करोड़ रुपये तथा जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
यह स्पष्ट दिख रहा है कि भारतीय बाजारों को लेकर एफपीआई के रुख में बदलाव आया है। जुलाई में करीब नौ माह बाद एफपीआई शुद्ध निवेशक बने थे। उसके बाद से उनका यह रुख जारी है। एफपीआई की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था।
अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 के दौरान एफपीआई ने 2.46 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा कि भारतीय बाजारों में एफपीआई की लिवाली जारी रहेगी। यदि अमेरिका में बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ती है या डॉलर इंडेक्स 110 से ऊपर जाता है तो उनका रुख प्रभावित हो सकता है।
‘धन’ के संस्थापक जय प्रकाश गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों पर कोई भी निर्णय ले, भारतीय बाजारों में एफपीआई की लिवाली जारी रहेगी।’’
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ सितंबर के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 5,593 करोड़ रुपये डाले हैं।
विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई भारतीय बाजारों में इसलिए लिवाली कर रहे हैं क्योकि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन में सुस्ती है।’’
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कीमतों में गिरावट और घरेलू बॉन्ड प्राप्ति घटने से भारतीय बाजारों में तेजी है।’’
गुप्ता ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद, बेहतर वृहद आर्थिक बुनियाद की वजह से निश्चित रूप से भारतीय बाजारों की स्थिति अच्छी है।’’
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि जुलाई मध्य से एफपीआई का भारत को लेकर रुख बदलना शुरू हुआ। मुद्रास्फीति के नीचे आने के बीच उन्हें उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर अधिक तेजी से आगे नहीं बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार ‘करेक्शन’ के दौर से गुजरा है जिससे अभी मूल्यांकन काफी आकर्षक है।
समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी शुद्ध रूप से 158 करोड़ रुपये डाले हैं।
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