देश की खबरें | पूर्व सपा नेता और राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का 64 वर्ष की आयु में निधन
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, एक अगस्त राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का सिंगापुर में उपचार के दौरान निधन हो गया जहां वह किडनी संबंधी बीमारियों का उपचार करा रहे थे। वह 64 वर्ष के थे।

एक समय तक समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी के रूप में राजनीति और फिल्म जगत समेत विभिन्न हलकों में प्रभाव रखने वाले सिंह का 2011 में गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था और वह लंबे समय से बीमार थे।

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उन्हें करीब आठ महीने पहले सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अमर सिंह जी ऊर्जावान सार्वजनिक शख्सियत थे। पिछले कुछ दशकों में उन्होंने कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों को करीब से देखा था। वह अनेक वर्गों के लोगों से अपनी मित्रता के लिए भी जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी हूं।’’

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अमर सिंह के परिवार में उनकी पत्नी पंकजा सिंह और दो बेटियां- दृष्टि तथा दिशा हैं।

सिंह ने आज सुबह ही ट्विटर पर संदेश लिखकर बाल गंगाधर तिलक की सौवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी और लोगों को ईद की बधाई दी थी।

कई लोग मानते हैं कि विभिन्न दलों और उद्योगपतियों से सिंह के संबंधों की वजह से मुलायम सिंह यादव उन्हें पसंद करते थे।

सिंह ने सपा महासचिव रहते हुए 2008 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को गिरने से बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। तब वाम दलों ने परमाणु करार के मुद्दे पर संप्रग से समर्थन वापस ले लिया था।

2015 में एक अमेरिकी लेखक की किताब में दावा किया गया था कि अमर सिंह ने 2008 में क्लिंटन फाउंडेशन को दस लाख डॉलर से 50 लाख डॉलर के बीच का चंदा दिया था।

लेखक ने किताब में परमाणु करार के संदर्भ में अन्य आरोप भी लगाये थे जिन्हें अमर सिंह ने खारिज कर दिया था।

हालांकि समाजवादी पार्टी में प्रमुख चेहरे के तौर पर अखिलेश यादव के उभरने और उनके वयोवृद्ध पिता मुलायम सिंह का नियंत्रण कम होने के बाद अमर सिंह का दबदबा भी कम होने लगा।

अमर सिंह को 2010 में सपा से निकाला गया और बाद में उनका नाम ‘नोट के बदले वोट’ के कथित घोटाले में आया और 2011 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके बाद वह दौर आया जब अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता के लिए मशक्कत कर रहे अमर सिंह कुछ साल बाद फिर मुलायम सिंह के करीब आ गये।

कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव को भी अमर सिंह की उतनी ही जरूरत थी जितनी सिंह को उनकी थी। बाद में सिंह को 2016 में राज्यसभा भेजा गया।

सिंह ने 1996 से लेकर 2010 तक सपा में अपने पहले कालखंड में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और उन्हें अक्सर अमिताभ बच्चन के परिवार से लेकर अनिल अंबानी और सुब्रत रॉय जैसी हस्तियों के साथ देखा जाता था।

लेकिन दूसरी बार सपा में लौटे सिंह को पार्टी में अखिलेश यादव का वर्चस्व होने के बाद 2017 में पुन: बर्खास्त कर दिया गया।

इसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीब आते देखा गया। उन्होंने आजमगढ़ में अपनी पैतृक संपत्ति को संघ को दान करने की भी घोषणा की।

उन्हें उद्योगपति अनिल अंबानी को 2004 में निर्दलीय सदस्य के तौर पर राज्यसभा भेजने के सपा के फैसले का सूत्रधार भी माना जाता है। हालांकि अंबानी ने बाद में 2006 में इस्तीफा दे दिया।

सिंह ही तेलुगू देशम पार्टी की सांसद रहीं जया प्रदा को सपा में लाये और वह रामपुर से दो बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं।

जया प्रदा ने सिंह के प्रति अपनी निष्ठा कायम रखी और उनके साथ ही पार्टी छोड़ दी। कहा जाता है कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जया प्रदा को अमर सिंह के कहने पर ही रामपुर से टिकट दिया था। हालांकि वह चिर प्रतिद्वंद्वी आजम खान से हार गयीं।

अमिताभ बच्चन के परिवार के साथ भी उनका बहुत घनिष्ठ संबंध था। हालांकि बाद में उनके रिश्तों में दरार आती देखी गयी। बच्चन की पत्नी और अभिनेत्री जया बच्चन सपा से राज्यसभा की सदस्य बनी रहीं।

हालांकि सिंह ने फरवरी में अमिताभ बच्चन के खिलाफ अपनी टिप्पणियों पर खेद प्रकट किया था।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘आज मेरे पिता की पुण्यतिथि है और मुझे सीनियर बच्चन जी से इस बारे में संदेश मिला है। जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा हूं, मैं अमित जी और उनके परिवार के लिए मेरी अत्यधिक प्रतिक्रियाओं पर खेद प्रकट करता हूं। ईश्वर उन सभी का भला करे।’’

इस साल मार्च में अमर सिंह की मौत की अफवाह उड़ने के बाद उन्होंने ट्विटर पर ‘टाइगर जिंदा है’ लिखकर एक वीडियो डाला और कहा कि वह सिंगापुर में सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं और जल्द लौटेंगे।

उन्होंने अपने अस्पताल के बिस्तर से शूट किये गये वीडियो में कहा था कि अतीत की मेडिकल संबंधी समस्याओं की तुलना में तो मौजूदा परेशानी कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि सर्जरी पूरी होने के बाद उन्हें जल्द से जल्द भारत लौटने की उम्मीद है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, “वरिष्ठ नेता और सांसद अमर सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।”

रक्षा मंत्री ने सिंह के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि अमर सिंह बड़े ही ऊर्जावान और हंसमुख व्यक्ति थे और सभी राजनीतिक दलों में उनके मित्र थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया।

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