देश की खबरें | पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त के समक्ष पेश हुए, स्पष्टीकरण दिया

अमृतसर, पांच सितंबर वरिष्ठ अकाली नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया बृहस्पतिवार को अकाल तख्त के समक्ष पेश हुए और सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ को अपना स्पष्टीकरण सौंपा।

उनका स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही अकाल तख्त ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को 2007 से 2017 तक उनकी पार्टी और पार्टी नीत सरकार द्वारा की गई “गलतियों” के लिए ‘तनखैया’ - धार्मिक कदाचार का दोषी - घोषित किया था।

पूर्ववर्ती अकाली सरकार में मंत्री रहे मजीठिया बृहस्पतिवार को अकाल तख्त पहुंचे।

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह मौजूद नहीं थे और मजीठिया ने जत्थेदार के निजी सहायक को अपना लिखित स्पष्टीकरण दिया।

अकाल तख्त ने 30 अगस्त को सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ घोषित कर दिया। एक दिन बाद बादल अकाल तख्त के सामने पेश हुए और माफी मांगी।

बादल के अलावा उनके पूर्व कैबिनेट सहयोगियों दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह रानिके, शरणजीत सिंह ढिल्लों और महेश इंदर ग्रेवाल, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री के सलाहकार थे, ने भी अकाल तख्त को अपना लिखित स्पष्टीकरण सौंपा।

अकाल तख्त जत्थेदार ने बादल को 15 दिनों के भीतर सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के समक्ष उपस्थित होकर उपमुख्यमंत्री और शिअद प्रमुख के रूप में लिए गए उन निर्णयों के लिए माफी मांगने को कहा था, जिनसे पंथ की छवि और सिख हितों को गहरा नुकसान पहुंचा।

राज्य में 2007-17 तक अकाली सरकार में मंत्री रहे सिख समुदाय के सदस्यों को भी 15 दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से अकाल तख्त पर उपस्थित होकर अपना लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।

पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर समेत बागी शिअद नेता एक जुलाई को जत्थेदार के समक्ष पेश हुए थे और 2007 से 2017 के बीच पार्टी की सरकार के दौरान की गई “चार गलतियों” के लिए माफी मांगी थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)