अपनी सेहत, सुरक्षा के लिए पैदल, सायकिल और दोपहिया से घर के लिए न चलें:मुख्यमंत्री

प्रवक्ता ने बताया कि अलग-प्रदेशों (महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि) से प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है।

जमात

एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने प्रदेश के हर श्रमिक एवं कामगार को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम हफ्ते से ही जारी है। जरूरत के अनुसार हम इसके लिए ट्रेन और बसों की मदद ले रहे हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि अलग-प्रदेशों (महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि) से प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है।

प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेनों के अलावा उप्र परिवहन निगम की करीब 10 हजार बसें भी आने वालों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को हरियाणा से 30000 श्रमिक अपने प्रदेश में पहुंचेगें।

मुख्यमंत्री ने अपील की कि खुद के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नाते कोई भी श्रमिक पैदल, सायकिल या दोपहिया से अपने घर के लिए न निकले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले हर प्रवासी के स्वास्थ्य की जांच उस जिले के पृथक केंद्र पर अनिवार्य रूप से हो रही है। स्वस्थ्य लोगों को उनके घर इस हिदायत के साथ भेजा जा रहा है कि वह घर पर पृथक वास के नियमेां का अनुपालन करेंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लॉकडाउन के दौरान भी औद्योगिक इकाई के मालिकों से कह कर श्रमिकों को वेतन या मानदेय दिलाना सुनिश्चित कराएं।

उन्होंने बताया कि अब तक करीब 55 हजार इकाईयां श्रमिकों को वेतन एवं मानदेय के रूप में 633.44 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी हैं।

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