अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), तीन जून अलीगढ़ जिले में नहर में फेंकी गई शराब पीने से पांच ईंट भट्ठा श्रमिकों की मृत्यु हो गई तथा 22 अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि बुधवार रात जवां थाना क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास एक नहर में फेंकी गई संदिग्ध रूप से मिलावटी शराब पीने से बड़ी संख्या में ईंट भट्ठा श्रमिक बीमार हो गए।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हारिस मंजूर ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 5 श्रमिकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 22 अन्य श्रमिकों का इलाज किया जा रहा है। उन सभी की हालत नाजुक है।
हारिस ने बताया कि दो-तीन जून की दरमियानी रात को 5 श्रमिकों को अस्पताल लाया गया था जिनमें से तीन कि पहले ही मौत हो चुकी थी। रात से लेकर सुबह तक कुल 27 लोगों को अस्पताल लाया गया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैथानी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि मिलावटी शराब के कुछ कारोबारियों ने पुलिस की कार्रवाई से खौफजदा होकर अपना पूरा स्टॉक नहर में बहा दिया। उसी शराब को इन श्रमिकों ने नहर से निकालकर इस्तेमाल कर लिया जिसकी वजह से उनकी तबीयत खराब हुई।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ ईट भट्ठा श्रमिक शाम को नहर में नहाने गए थे तभी उन्हें देसी शराब के कुछ पैकेट तैरते मिले। श्रमिकों ने उन्हें निकाल कर पिया। इसके कुछ ही देर बाद उन सभी की तबीयत खराब होने लगी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने बीमार हुए सभी मजदूरों को अस्पताल पहुंचाया। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि अलीगढ़ में जहरीली शराब से हो रही मौतों का मामला इस वक्त चर्चा में है। पिछले शुक्रवार को टप्पल तथा अकराबाद थाना क्षेत्रों के कई गांवों में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। संदिग्ध रूप से यह शराब पीने के कारण मरे 85 लोगों का अब तक पोस्टमार्टम हो चुका है।
प्रशासन ने जहरीली शराब पीने से 35 लोगों के मरने की पुष्टि की थी। बाकी की मौतों के बारे में उसका कहना है कि विसरा रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद ही यह माना जाएगा कि उनकी मौत जहरीली शराब पीने के कारण हुई है।
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