जरुरी जानकारी | आने वाली तिमाहियों में एफडीआई प्रवाह में तेजी की उम्मीद: विशेषज्ञ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में कटौती की संभावना, अमेरिकी में वृद्धि दर हल्की रहने तथा दूसरी तरफ भारत में अनुकूल आर्थिक परिदृश्य के साथ यहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है।
नयी दिल्ली, नौ सितंबर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में कटौती की संभावना, अमेरिकी में वृद्धि दर हल्की रहने तथा दूसरी तरफ भारत में अनुकूल आर्थिक परिदृश्य के साथ यहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इस साल अप्रैल-जून के दौरान 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर रहा है।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में निवेश स्रोत बदल गये हैं और इसमें विविधता आई है। पूंजी नए उभरते क्षेत्रों से आ रही है।
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि आठ साल पहले की तुलना में, बिजली, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, रसायन और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र अब आकर्षक निवेश स्थल बन गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आने वाली तिमाहियों में मजबूत एफडीआई की इस प्रवृत्ति में तेजी आने की उम्मीद है। अमेरिका में होने वाले चुनाव और उसके परिणाम, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती, अमेरिका में वृद्धि दर धीमी होने और भारत में अनुकूल आर्थिक परिदृश्य दृष्टिकोण संभवतः वैश्विक निवेशकों को यहां आकर्षित करेगा।’’
इंडसलॉ के भागीदार आकाश दासगुप्ता ने कहा कि 2023-24 की पहली तिमाही में एफडीआई प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में तेजी आई है। लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में एफडीआई अपेक्षाकृत कम था।’’
एफडीआई प्रवाह वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 10.94 अरब डॉलर था।
उन्होंने कहा कि मौजूदा एफडीआई प्रवाह पिछले साल से पहले के वर्षों के आंकड़ों के करीब है। ऐसे में सापेक्ष रूप से यह उछाल महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे पिछले स्तर पर वापस आने के रूप में देखा जाना चाहिए।
दासगुप्ता ने कहा, ‘‘हालांकि, यह एक सकारात्मक संकेत है और इसके विभिन्न कारण हैं। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों का प्रदर्शन और एफडीआई नीति में अनुकूल संशोधन शामिल हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में विदेशी निवेश बढ़कर 5.85 अरब डॉलर और जून में 5.41 अरब डॉलर हो गया। यह एक साल पहले इन्हीं महीनों में क्रमशः 2.67 अरब डॉलर और 3.16 अरब डॉलर था।
एफडीआई प्रवाह अप्रैल महीने में सालाना आधार पर मामूली गिरावट के साथ 4.91 अरब डॉलर रहा। पिछले साल इसी महीने में यह 5.1 अरब डॉलर था।
कुल एफडीआई प्रवाह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 28 प्रतिशत बढ़कर 22.49 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 की अप्रैल-जून अवधि में 17.56 अरब डॉलर था। एफडीआई प्रवाह में इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी शामिल है।
इस अवधि के दौरान मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, केमैन द्वीप और साइप्रस सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह बढ़ा।
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