देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद किसानों को प्रदर्शन खत्म कर देना चाहिए : खट्टर
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चंडीगढ़, 12 जनवरी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को उच्चतम न्यायालय द्वारा नए कृषि कानूनों को लेकर समिति गठित करने के बाद अब अपना आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘गेंद अब उच्चतम न्यायालय के पाले में है और मेरा मानना है कि उसका जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार्य होगा।’’
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले अगले आदेश तक विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी और केंद्र तथा दिल्ली की सीमाओं पर कानून को लेकर आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद किसान संगठनों द्वारा प्रदर्शन समाप्त करने से इंकार करने पर खट्टर ने कहा कि अब इसे जारी रखने का कोई कारण नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को अपना ‘धरना’ समाप्त कर देना चाहिए और अपने घरों को लौट जाना चाहिए।
केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों का समर्थन करने को लेकर किसान संगठनों ने खट्टर को निशाना बनाया है।
प्रदर्शनकारी किसानों ने रविवार को करनाल में ‘‘किसान महापंचायत’’ के स्थल पर तोड़फोड़ की जहां खट्टर कानूनों के समर्थन में लोगों को संबोधित करने वाले थे।
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के विधायकों के एक धड़े ने भी केंद्रीय कानूनों का विरोध किया है।
उच्चतम न्यायालय की तरफ से बनाई गई चार सदस्यों की समिति में बीकेयू के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनावत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं।
हरियाणा और पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान पिछले वर्ष 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और तीनों कानूनों को वापस लेने तथा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग कर रहे हैं।
नीरज
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