देश की खबरें | शाहजहांपुर सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन राजस्थान के अलवर जिले में शाहजहांपुर सीमा पर शुक्रवार को भी जारी रहा।

जयपुर, 29 जनवरी केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन राजस्थान के अलवर जिले में शाहजहांपुर सीमा पर शुक्रवार को भी जारी रहा।

वहीं किसान महापंचायत नेता रामपाल जाट ने शुक्रवार को संयुक्त मोर्चा से अपने को अलग करने की घोषणा की। हालांकि उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर उनका विरोध जारी रहेगा।

जाट ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार द्वारा रची गई कोई साजिश है क्योंकि यह सच है कि जिस व्यक्ति ने गणतंत्र दिवस पर किसानों को उकसाया था, उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’

राज्‍य के नागौर से सांसद एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राजग से अलग होने की घोषणा की थी।

सांसद बेनीवाल ने शुक्रवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर नारे लगाये। इसके बाद उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र को कानूनों को वापस लेना चाहिए अन्यथा यह सार्वजनिक आंदोलन तेज होगा। किसान बिना किसी हिंसा के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए उनकी मांगों को पूरा किया जाना चाहिए। आरएलपी ने राजग को इसलिये समर्थन दिया था कि वह किसानों और युवाओं की बात सुनेगा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।’’

उन्होंने कहा कि आरएलपी लाल किले में जो कुछ भी हुआ उसकी निंदा करती है।

ऑल इंडिया किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरा राम ने दावा किया कि जिसने लाल किले में झंडा लहराया है, वह संयुक्त मोर्चे का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों की आवाज को दबा रही है लेकिन हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम शनिवार को एक दिन की भूख हड़ताल रखेंगे। हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि हमारी मांगें नहीं मान ली जाती।’’

भरतपुर में मनुदेव सिनसिनी के नेतृत्व में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर केन्द्र सरकार का पुतला फूंका। किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन में किसान पावर हाउस के पास एकत्रित हुये।

सिनसिनी ने कहा कि किसान अगले तीन दिनों में एकत्र होंगे और इसके बाद एक फरवरी को ट्रैक्टर रैली के रूप में दिल्ली के लिये रवाना होकर आंदोलित किसानों के साथ मिलेंगे।

कुंज पृथ्वी

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