मुंबई, 14 दिसंबर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार पर मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण के मुद्दे पर प्रदर्शन नहीं करने देने का आरोप लगाया और इसे राज्य में आपातकाल की तरह बताया।
एक दिन पहले ही ठाकरे ने कहा था कि अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे किसानों को राष्ट्र-विरोधी कहना ‘आपातकाल से भी बुरी’ स्थिति है। इस पर फडणवीस ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने किसानों के लिए क्या किया है।
दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा था कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रह गया है और इसमें वामपंथी तथा माओवादी तत्वों की घुसपैठ हो गयी है।
फडणवीस ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार पर ‘अघोषित आपातकाल’ लगाने तथा रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और अभिनेत्री कंगना रनौत के पीछे पड़ जाने का आरोप लगाया था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर फडणवीस कहते हैं कि राज्य सरकार अपने आलोचकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है तो यह अघोषित आपातकाल है तो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे किसानों को राष्ट्र-विरोधी कहना आपातकाल से भी बुरा है।’’
ठाकरे के बयान के बारे में पूछे जाने पर राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को पहले महाराष्ट्र की बात करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि क्या महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी की घटनाएं रुक गयी हैं।
फडणवीस ने आरोप लगाया कि मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण के मुद्दे पर प्रदर्शन नहीं करने दिया जा रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को उनके घरों में पीटा जा रहा है और जेल में डाला जा रहा है। हालांकि उन्होंने किसी घटना विशेष का उल्लेख नहीं किया।
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