देश की खबरें | आबकारी नीति: न्यायालय ने ईडी की जांच में देरी पर सवाल उठाया, केस फाइल पेश करने को कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी से मामले में आरोपी पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलों को भी पेश करने को कहा।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी से मामले में आरोपी पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलों को भी पेश करने को कहा।

पीठ मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर दलीलें सुन रही है।

उसने मामले की जांच में लिए गए समय पर ईडी से सवाल किया और कहा कि उसने कुछ चीजों को सामने लाने में दो साल लगा दिए।

पीठ ने यह भी पूछा कि मामले में गवाहों और आरोपियों से सीधे प्रासंगिक सवाल क्यों नहीं पूछे गए।

ईडी की ओर से पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शुरुआत में केजरीवाल मामले की जांच के केंद्र में नहीं थे और उनकी भूमिका बाद में स्पष्ट हुई।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान सात-सितारा होटल में ठहरे थे, उनके कुछ बिल का भुगतान कथित रूप से दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने किया था।

पीठ को राजू की ओर से एक नोट दिया गया जिसमें उन्होंने केजरीवाल की इस दलील का विरोध किया कि जांच एजेंसी ने सरकारी गवाहों के बयानों को दबाया है।

मामले में दलीलों पर सुनवाई जारी है।

केजरीवाल को इस मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध उनकी याचिका पर जवाब मांगा था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नौ अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और केजरीवाल के बार-बार समन की अवहेलना करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\