देश की खबरें | पूर्व मंत्री हत्या मामला: न्यायालय ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद को सुरक्षा देने वाले आदेश पर लगाई रोक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य वाई.एस. अविनाश रेड्डी को 25 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी।
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य वाई.एस. अविनाश रेड्डी को 25 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने “क्रूर और अस्वीकार्य” आदेश पारित किया है। न्यायालय ने उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाते हुए रेड्डी को सुरक्षा प्रदान करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
पीठ ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 24 अप्रैल निर्धारित करते हुए कहा, “नोटिस जारी करें। उच्च न्यायालय के विवादित आदेश के पैरा 18 में निहित विवादित निर्देशों पर रोक रहेगी। हालांकि सोमवार तक सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी।”
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 18 अप्रैल को रेड्डी को पूर्व मंत्री विवेकानंद की हत्या मामले में रोजाना केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने एजेंसी को 25 अप्रैल तक रेड्डी को गिरफ्तार नहीं करने का भी निर्देश दिया।
अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत पर अंतरिम आदेश देते हुए अदालत ने उन्हें जांच में केंद्रीय एजेंसी से सहयोग करने और 25 अप्रैल तक रोजाना पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया।
आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर कथित रूप से हत्या कर दी गई थी।
मामले की जांच शुरू में राज्य अपराध अन्वेषण विभाग के विशेष जांच दल ने की थी लेकिन जुलाई 2020 को इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया।
सीबीआई ने 26 अक्तूबर 2021 को हत्या के मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया और फिर 31 जनवरी 2022 को पूरक आरोप-पत्र दिया।
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