ताजा खबरें | ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश

नयी दिल्ली, तीन अगस्त लोकसभा में बुधवार को ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया जिसमें कम से कम 100 केवी के कनेक्शन वाली इमारत के लिये नवीकरणीय स्रोत से ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने विभिन्न विषयों को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच ‘ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022’ पेश किया।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की जटिलता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को एक समग्र विधेयक लाना चाहिए।

विधेयक पेश करने से पहले विद्युत मंत्री सिंह ने कहा कि यह संशोधन विधेयक है। उन्होंने कहा कि इसमें तीन-चार प्रावधान हैं जो बहुत ही सरल हैं।

सिंह ने कहा कि एक संशोधन गैर-जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने से संबंधित है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश को आत्मनिर्भर बनाएगा।

मंत्री ने कहा, ‘‘हम पेट्रोलियम उत्पाद का आयात करते हैं। हम उसके स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग करेंगे तो पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी।’’

उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद हमारे पर्यावरण को लाभ होगा क्योंकि कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा।

सिंह ने कहा कि पूरा क्रियान्वयन राज्य सरकारों के माध्यम से किया जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस कदम से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो को बड़ा बना रहे हैं ताकि और भी विभाग इसमें भागीदारी कर सकें।’’

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि इसमें ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग का प्रस्ताव किया गया है।

इसमें कहा गया है कि बड़ी आवासीय इमारतें 24 प्रतिशत बिजली का उपभोग करती हैं और इस विधेयक में ऐसी इमारतों को अधिक ऊर्जा सक्षम एवं वहनीय बनाने का प्रावधान किया गया है।

दीपक हक वैभव हक दीपक वैभव

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