देश की खबरें | एमराल्ड आरडब्ल्यूए निराधार दावे कर बिल्डर को डरा रही : सुपरटेक ने न्यायालय से कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भूमि-भवन कारोबार से जुड़ी कंपनी सुपरटेक ने लिमिटेड ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि ‘एमराल्ड कोर्ट ओनर रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन’ निराधार दावे कर बिल्डर को डरा रही है।
नयी दिल्ली, तीन अगस्त भूमि-भवन कारोबार से जुड़ी कंपनी सुपरटेक ने लिमिटेड ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि ‘एमराल्ड कोर्ट ओनर रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन’ निराधार दावे कर बिल्डर को डरा रही है।
उल्लेखनीय है कि संबंधित रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने 40 मंजिला दो टॉवरों के निर्माण को चुनौती दी है और कहा है कि सुपरटेक ने हरित क्षेत्र पर अतिक्रमण कर दो टॉवरों का निर्माण करते समय भवन सुरक्षा नियमों और दूरी मानदंड का उल्लंघन किया है। इसने कहा कि इसकी वजह से निवासियों को ठीक तरह से हवा और धूप नहीं मिल पा रही है।
सुपरटेक लिमिटेड की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ से कहा कि दोनों टॉवरों के निर्माण में किसी भी नियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ जैसा कि आरडब्ल्यूए ने दावा किया है।
पीठ ने सिंह से कहा कि उनके मुवक्किल ने जो किया है, वह स्पष्ट रूप से गलत है क्योंकि हाउसिंग सोसाइटी के हरित क्षेत्र पर अतिक्रमण कर टॉवरों का निर्माण किया गया है।
सिंह ने कहा, ‘‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन निराधार दावे कर बिल्डर को डरा रही है।’’
उन्होंने कहा कि वह बुधवार को आरडब्ल्यूए की दलीलों का जवाब देंगे।
सिंह ने कहा, ‘‘वे (आरडब्ल्यूए) अब नए बिंदु उठा रहे हैं जो उच्च न्यायालय के समक्ष कभी नहीं उठाए गए। मैं प्रत्येक चीज को शपथपत्र में लाना चाहूंगा जो मैं अदालत का काम शुरू होने से पहले बुधवार सुबह दायर करूंगा।’’
पीठ ने सिंह को शपथपत्र दायर करने की अनुमति प्रदान कर दी और मामले को बुधवार तक के लिए टाल दिया।
शीर्ष अदालत नियमों के उल्लंघन के मामले में दोनों टॉवरों को गिराने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के आदेश के खिलाफ और समर्थन में सुपरटेक लिमिटेड तथा गृह क्रेताओं द्वारा दायर की गईं याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
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