मुंबई, नौ फरवरी बम्बई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और महाराष्ट्र सरकार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी तीन कार्यकर्ताओं की पुनर्विचार याचिका पर जवाब देने के लिए बुधवार को दो सप्ताह का समय दिया।
याचिका में अदालत के पिछले आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें उन्हें ‘डिफॉल्ट जमानत’ देने से इनकार कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन. जे. जामदार की पीठ ने अधिकारियों को कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा और वेरनॉन गोंजाल्विस की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
तीनों विचाराधीन आरोपियों ने पीठ द्वारा पारित एक दिसंबर, 2021 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मामले में सह-आरोपी वकील सुधा भारद्वाज को ‘डिफॉल्ट जमानत’ दी गई थी, लेकिन कई अन्य आरोपियों को ‘डिफॉल्ट जमानत’ से इनकार किया गया था।
पीठ ने बुधवार को एनआईए से तीन कार्यकर्ताओं को इस याचिका पर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो वह भी इस अवधि में अपना जवाब दे।
उच्च न्यायालय इस मामले में 24 फरवरी को सुनवाई करेगा।
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