देश की खबरें | एल्गार परिषद मामला: अदालत ने राव और दो अन्य की याचिका खारिज की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार वरवर राव और दो अन्य द्वारा दायर एक याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। याचिका में उच्च न्यायालय के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें स्वत:जमानत (डीफॉल्ट बेल) देने से इनकार किया गया था।
मुंबई, चार मई बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार वरवर राव और दो अन्य द्वारा दायर एक याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। याचिका में उच्च न्यायालय के उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें स्वत:जमानत (डीफॉल्ट बेल) देने से इनकार किया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि उसके लिए यह कहना मुश्किल है कि उसके पहले के फैसले में कोई तथ्यात्मक त्रुटि थी और उस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन. जी. जामदर की एक खंडपीठ ने कहा, ‘‘ फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नजर नहीं आता।’’
इसके बाद, उच्च न्यायालय ने तीन आरोपियों वरवर राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गोंजाल्विस द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
राव अभी चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं, जबकि दो अन्य याचिकाकर्ता जेल में हैं।
गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित 'एल्गार-परिषद' सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, पुलिस ने दावा किया था कि इसकी वजह से शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास अगले दिन हिंसा हुई थी। पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था।
निहारिका शोभना
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)