देश की खबरें | एल्गार परिषद मामले में आरोपी वरवर राव को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति

मुंबई, 23 अक्टूबर बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता वरवर राव को मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए एक सप्ताह की हैदराबाद यात्रा की अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि एक आंख की सर्जरी कराकर मुंबई लौटने के बाद राव दूसरे आंख के ऑपरेशन के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति के वास्ते निचली अदालत का रुख कर सकते हैं।

राव को मामले में 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उच्च न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर मार्च 2021 में छह महीने की जमानत दी थी। उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2022 में उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी।

जमानत की शर्तों में से एक शर्त यह है कि राव विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) अदालत, मुंबई के न्यायाधिकार क्षेत्र से अदालत की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकते हैं।

इस साल जून में 82 वर्षीय राव ने उच्च न्यायालय में अर्जी देकर सर्जरी के लिए तेलंगाना की राजधानी जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। राव ने दावा किया था कि मोतियाबिंद की वजह से उनके देखने की क्षमता लगातार कम हो रही है।

उन्होंने दावा किया कि मुंबई में आंखों की सर्जरी और उसके बाद का देखभाल महंगी है जबकि तेलंगाना मे पेंशन भोगियों के लिए यह सुविधा मुफ्त है।

राव और अन्य कार्यकर्ताओं पर 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद के सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है जिसकी वजह से पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा में अगले दिन एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गयी थी।

पुणे पुलिस ने दावा किया था कि एल्गार परिषद के उक्त सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था। बाद में इस मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)