देश की खबरें | चुनावी हिंसा: बंगाल सरकार ने न्यायालय को बताया कि दो भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार

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नयी दिल्ली, 25 मई पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि राज्य में दो मई को चुनाव के बाद भड़की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ से कहा कि जांच चल रही है।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग समेत प्रतिवादियों से मृतकों के परिजनों की याचिका पर जवाबी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया।

इस याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच कराई जाए और मामलों को सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) को हस्तांतरित किया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘आप अपने जवाबी हलफनामे दाखिल कीजिए।’’

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने शीर्ष अदालत से कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ राज्य में चुनाव बाद हिंसा के मामले को देख रही है और उसने 18 मई को कुछ निर्देश भी जारी किये थे।

लूथरा ने कहा, ‘‘प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं और जांच चल रही है। इन मामलों में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो शिकायतों के आधार पर दर्ज किये गये थे।’’

उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद हिंसा के मामले में सुनवाई उच्च न्यायालय में आज सूचीबद्ध थी जिसे आज नहीं लिया जा सका और अब इस पर बुधवार को सुनवाई होगी।

पीठ ने लूथरा और अन्य प्रतिवादियों की ओर से पक्ष रख रहे वकीलों को भी जवाबी हफलनामे दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि इस पर अब दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

शीर्ष अदालत ने बिश्वजीत सरकार और सह याचिकाकर्ता स्वर्णलता अधिकारी की याचिका पर केन्द्र, पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नोटिस जारी किये थे। इस हिंसा में बिश्वजीत सरकार के बड़े भाई और स्वर्णलता के पति की हत्या हो गयी थी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा था कि यह काफी गंभीर मामला है और भाजपा के दो नेताओं की जघन्य हत्या पर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि ये हत्याएं राज्य विधानसभा चुनावों के मतगणना के दिन हुईं।

उन्होंने कहा था कि इस मामले में सीबीआई या एसआईटी से अदालत की निगरानी में जांच किए जाने की जरूरत है क्योंकि राज्य पुलिस शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा था, ‘‘हत्याएं पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के दिन हुईं। एक याचिकाकर्ता भाजपा कार्यकर्ता का छोटा भाई है जिसकी हत्या हो गई और दूसरी याचिकाकर्ता मृतक की पत्नी है।’’

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