नागपुर (महाराष्ट्र), 17 मार्च : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को कहा कि चुनावी बॉण्ड एक ‘‘प्रयोग’’ है और वक्त आने पर पता चलेगा कि यह कितना फायदेमंद और प्रभावी रहा. आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने रविवार को दत्तात्रेय होसबाले को तीन साल के लिए पुन: महासचिव (सरकार्यवाह) निर्वाचित किया. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉण्ड के आंकड़े जारी किए जिनमें कई अरबपति कारोबारी और कम चर्चा वाली कंपनियां इसके खरीदारों में शामिल हैं.
स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल से लेकर अरबपति सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा से लेकर कम प्रसिद्ध फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज अब रद्द किए जा चुके चुनावी बॉण्ड के प्रमुख खरीदारों में शामिल थे. चुनावी बॉण्ड मुद्दे पर जतायी जा रही चिंताओं और लाभ पाने के लिए इन्हें खरीदने के दावों के बारे में होसबाले ने कहा कि संघ ने अभी तक इसके बारे में चर्चा नहीं की है क्योंकि चुनावी बॉण्ड एक ‘‘प्रयोग’’ है. यह भी पढ़ें : Assembly Election Result Date: चुनाव आयोग ने बताया, अब इस दिन आएंगे अरुणाचल-सिक्किम विधानसभा चुनाव के नतीजे
उन्होंने कहा, ‘‘यह नियंत्रण और संतुलन के साथ किया गया और ऐसा नहीं है कि चुनावी बॉण्ड आज अचानक पेश किए गए, ऐसी योजना पहले भी लायी गयी थी. जब भी कोई बदलाव होता है तो सवाल उठाए जाते हैं. जब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें) लायी गयी थीं तब भी सवाल उठाए गए थे.’’ होसबाले ने कहा, ‘‘जब नयी चीजें आती हैं तो लोगों का सवाल उठाना लाजिमी है. लेकिन वक्त आने पर पता चलेगा कि नयी व्यवस्था कितनी फायदेमंद और प्रभावी रही. इसलिए संघ को लगता है कि इसे प्रयोग के लिए छोड़ देना चाहिए.’’