ईडी ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एजेंसी ने दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

जमात

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी, जमात से संबंधित ट्रस्ट और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एजेंसी ने दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत कांधलवी, उनसे और जमात से जुड़े ट्रस्टों तथा कुछ अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मार्च को मौलाना और सात अन्य के खिलाफ निजामुद्दीन थाने के एसएचओ की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मामला कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के आदेशों का कथित रूप से उल्लंघन कर तबलीगी जमात का इज्तिमा आयोजित करने को लेकर दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने बीते कुछ दिनों में तबलीगी जमात और इसके पदाधिकारियों के वित्त एवं लेन-देन पर काम किया है और बैंक तथा वित्त संबंधित खुफिया एजेंसियों से विभिन्न दस्तावेज हासिल किए हैं।

उन्होंने बताया कि जल्दी ही कांधलवी को पूछताछ के लिए समन जारी किया जाएगा जो फिलहाल कथित रूप से पृथकवास में हैं। एजेंसी कोविड-19 को लेकर पृथकवास में रहने के कांधलवी के दावे पर चिकित्सा विशेषज्ञों से भी राय ले रही है।

उन्होंने बताया कि ईडी कांधलवी और अन्य पदाधिकारी तथा जमात से अन्य लोगों की निजी आर्थिक गतिविधियों को भी देख रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि इस्लामी संगठन को विदेश और घरेलू स्रोतों से मिले कुछ चंदे भी जांच के दायरे में हैं।

कुछ वक्त पहले एक ऑडियो संदेश जारी करके कांधलवी ने कहा था कि निजामुद्दीन के मरकज़ में इज्तिमे में आए सैकड़ों लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद वह स्वयं पृथकवास में चले गए हैं।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर दर्ज पुलिस की प्राथमिकी में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज़ के अधिकारियों से 21 मार्च को संपर्क किया और उन्हें उस सरकारी आदेश की याद दिलाई जो कहता है कि 50 से ज्यादा लोगों वाले राजनीतिक और धार्मिक जमवाड़े पर रोक है।

प्राथमिकी कहती है कि बार-बार के प्रयास के बावजूद कार्यक्रम के आयोजक स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी भी सरकारी एजेंसी को यह जानकारी देने में विफल रहे कि मरकज़ में बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए हैं। इस तरह उन्होंने जानबूझकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की।

डिफेंस कॉलोनी के उपमंडलीय अधिकारी (एसडीएम) ने कई बार परिसरों का निरीक्षण किया और पाया कि विदेशी नागरिक समेत लगभग 1300 लोग वहां रह रहे थे और वे सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे थे।

प्राथमिकी के अनुसार, यह भी पाया गया कि वहां हैंड सैनिटाइजर और मास्क का कोई इंतजाम नहीं था।

यह मरकज़ न केवल दिल्ली के लिए बल्कि पूरे देश के लिए कोरोना वायरस का एक हॉटस्पॉट बना।

केंद्र और राज्य सरकार ने मरकज़ में आए लोगों की पहचान करने के लिए बड़ा अभियान चलाया और 25,500 से अधिक जमात के सदस्यों और उनके संपर्कों में आए लोगों को पृथक वास में भेजा।

निजामुद्दीन में पिछले महीने हुए इज्तिमे में कम से कम 9000 लोगों ने हिस्सा लिया था। वे बाद में देश के अलग अलग हिस्सों में चले गए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\