मुंबई, 19 जुलाई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा माहौल में जब आर्थिक वृद्धि दर अच्छी है, मौद्रिक नीति को स्पष्ट रूप से मुद्रास्फीति पर ध्यान देना चाहिए. तटस्थ दरों को लेकर बहस के बीच, दास ने कहा कि सैद्धांतिक और अमूर्त अवधारणाएं किसी व्यक्ति के निर्णय पर आधारित होती हैं और ये वास्तविक दुनिया में नीति निर्धारित नहीं कर सकती हैं.
गौरतलब है कि आरबीआई लगातार नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए हुए है और दर पर फैसला करने वाली समिति के कुछ सदस्यों के बीच असहमति बढ़ रही है. ये सदस्य आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत दर में कटौती के पक्ष में हैं. अधिक ब्याज दर के कारण वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताने वालों को जवाब देते हुए दास ने कहा कि मौजूदा नीतिगत दर के बावजूद वृद्धि मजबूत रही है. उन्होंने कहा कि आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उसका 7.2 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य हासिल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह गति दूसरी तिमाही में भी जारी रहेगी. यह भी पढ़ें : राजस्थान : विधानसभा अध्यक्ष पर ‘आक्षेप’ को लेकर सदन में हंगामा, कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले तीन साल में भारत की औसत वृद्धि 8.3 प्रतिशत रही है. दास ने यहां फाइनेंशियल एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में कहा, ''वृद्धि स्थिर बनी हुई है. अब हमें मुद्रास्फीति पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित करना होगा.'' उन्होंने कहा कि आरबीआई विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर ध्यान दे रहा है और थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) पर भी नजर है.