Ram Mandir Pran Pratistha: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान करीब 50 वाद्ययंत्रों से निकली ‘मंगल ध्वनि’

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अयोध्या में सोमवार को नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर के करीब 50 वाद्ययंत्रों से ‘मंगल ध्वनि’बजायी गयी।

Ayodhya Ram Mandir | PTI

अयोध्या, 22 जनवरी: अयोध्या में सोमवार को नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर के करीब 50 वाद्ययंत्रों से ‘मंगल ध्वनि’बजायी गयी. अयोध्या के प्रसिद्ध कवि यतींद्र मिश्र ने इन सभी वाद्ययंत्रों को एक सुर में संयोजित किया था और नयी दिल्ली स्थित संगीत नाटक अकादमी ने संगीत को लयबद्ध करने में सहयोग किया था.

इन वाद्ययंत्रों में उत्तर प्रदेश से पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, पंजाब से अलगोजा, महाराष्ट्र से सुंदरी, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली तथा छत्तीसगढ़ से तंबूरा शामिल किया गया था. भगवान के लिए ‘मंगल ध्वनि’ के इस कार्यक्रम में दिल्ली से शहनाई, राजस्थान से रावणहत्था, पश्चिम बंगाल से श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घाटम, झारखंड से सितार, गुजरात से संतर, बिहार से पखावज, उत्तराखंड से हुड़का और तमिलनाडु से नागस्वरम, तविल और मृदंगम को भी शामिल किया गया था.

‘मंगल ध्वनि’ वादन से पहले, सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल और शंकर महादेवन ने अपनी प्रस्तुति दी और भगवान राम को समर्पित भजन गाए. मंदिर ट्रस्ट के सदस्य एक सदस्य ने बताया, ‘‘ अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में आयोजित रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में पूरी तरह से भक्ति का माहौल रहा और समारोह राजसी ‘मंगल ध्वनि’ से सुशोभित हुआ. इस शुभ अवसर पर विभिन्न राज्यों के 50 उत्कृष्ट वाद्ययंत्रों ने एक सुर में मंगल ध्वनि का वादन किया.’’

उन्होंने बताया,‘‘यह शानदार संगीत कार्यक्रम प्रत्येक भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है, जो श्री राम के उत्सव और सम्मान में विविध परंपराओं को एक साथ लाता है,’’ राम मंदिर में बहुप्रतीक्षित प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह का आयोजन किया गया था और इस अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं शामिल हुए. मंदिर को जनता के लिए मंगलवार को खोला जाएगा. आरती के दौरान भी आमंत्रित लोग भक्ति में डूबे हुए दिखे. उन्होंने उन्हें दी गई पूजा की घंटियां बजाईं और सेना के हेलीकॉप्टरों ने मंदिर परिसर और सड़क के अन्य हिस्सों में पुष्प वर्षा की.

अयोध्या की सड़कें ‘राम आएंगे’ और ‘अवध में राम आए हैं’ जैसे गीतों से गुंजायमान रहीं। इस विशेष दिवस पर मंदिरों के शहर अयोध्या के भवनों पर भगवा ध्वज फहराए गए हैं. संगीत को अयोध्या में एक और महत्वपूर्ण स्थान मिला है क्योंकि प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के नाम पर एक प्रतिष्ठित चौराहे का नामकरण किया गया है, जहां पर स्थानीय निवासी और सैलानी सेल्फी लेते हैं. इस चौराहे के बीचों बीच 14 टन वजनी वीणा की कलाकृति लगाई गई है.

लता मंगेशकर चौक राम पथ और धर्म पथ के चौराहे पर अवस्थित है. इन दोनों सड़कों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले खूबसूरत प्रकाश स्तंभों से सजाया गया है. पूरा शहर धार्मिक उत्साह और भक्ति में डूबा हुआ नजर आ रहा है क्योंकि प्राचीन ‘अयोध्या नगरी’ को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, विशेष रूप से राम पथ और धर्म पथ, जिसे सरकार ‘नव्य, दिव्य और भव्य अयोध्या’ कहती है.

‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन शहर में चकाचौंध से पहले ही यहां के कई घरों, मंदिरों और अन्य इमारतों को रंगीन रोशनी से सजाया जा चुका था. निहंग सिखों से लेकर इस्कॉन और देश भर के मंदिर ट्रस्टों से लेकर अयोध्या में स्थानीय लोगों तक ने भक्तों के लिए ‘लंगर’ की व्यवस्था की है. शहर में आने वाले श्रद्धालु इन सामुदायिक रसोइयों में ताजा भोजन और चाय का स्वाद ले सकते हैं.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\