कर्नाटक में सूखे जैसी स्थिति, अदालत से कावेरी प्राधिकरण के आदेश पर रोक का आग्रह करेंगे: सिद्धरमैया
कर्नाटक में ‘सूखे जैसी स्थिति’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार सीडब्ल्यूएमए के आदेश पर स्थगन का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
नयी दिल्ली, 20 सितंबर: कर्नाटक में ‘सूखे जैसी स्थिति’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार सीडब्ल्यूएमए के आदेश पर स्थगन का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) ने 28 सितंबर तक तमिलनाडु को रोजाना करीब 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। प्राधिकरण का आदेश 18 सितंबर को आया था.
सिद्धरमैया ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की भी मांग की है. सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार इस मामले पर चर्चा करने के लिए जलशक्ति मंत्री से मिल सकते हैं. इस बीच, वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से इस मामले का ‘राजनीतिकरण’ नहीं करने की अपील की और कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु को 5000 क्यूसेक पानी में से 2500 क्यूसेक जारी करने पर राजी हो गया है.
इस मुद्दे पर यहां राष्ट्रीय राजधानी में कर्नाटक के सभी सांसदों एवं केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक बैठक में चर्चा की गयी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को छोड़कर राज्य के सभी सांसद इस बैठक में मौजूद थे. इस बैठक के बाद सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य मुश्किल में है क्योंकि हमारे यहां पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है। 230 तालुकों में से 195 को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया गया है. शीघ्र होने वाली एक बैठक में 20 और तालुका सूखा प्रभावित घोषित किये जाएंगे.’’
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