देश की खबरें | द्रौपदी मुर्मू के बुलावे पर उनसे मिलने गया था, समर्थन देने का फैसला चार दिन में करेंगे : राजभर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बुलावे पर उनसे मिलने गए थे।

बलिया (उप्र), नौ जुलाई सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बुलावे पर उनसे मिलने गए थे।

साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुर्मू को समर्थन देने के मसले पर वह पार्टी नेताओं और विधायकों से बातचीत कर चार दिन में फैसला करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी (सपा) का साथ नहीं छोड़ेंगे लेकिन अखिलेश यादव गठबंधन तोड़ेंगे तो इसके बाद वह निर्णय करेंगे।

राजभर ने जिले के रसड़ा में पार्टी के प्रधान कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में द्रौपदी मुर्मू की बैठक में शामिल होने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, ''वह मुर्मू के बुलावे पर उनसे मिलने गए थे।''

उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को मऊ में दल के एक कार्यक्रम में थे और तभी मुर्मू ने उन्हें आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद उनके अनुरोध का सम्मान करते हुए उन्होंने उनसे मुलाकात की।

राजभर ने कहा कि मुर्मू ने उनसे उनका समर्थन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पार्टी नेताओं और विधायकों से बातचीत कर चार दिन में समर्थन के मसले पर निर्णय कर फैसले की जानकारी देने को कहा है।

मुर्मू ने शुक्रवार को यहां राजग के सांसदों और विधायकों से अपने लिए समर्थन मांगा था। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर मुर्मू के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित किया था।

इस रात्रिभोज में भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं के अलावा सपा के गठबंधन में शामिल सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी शामिल हुए थे। शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को यह घोषणा कर दी है कि वह द्रौपदी मुर्मू को ही अपना वोट देंगे।

राजभर ने सपा से गठबंधन में दरार को लेकर पूछे जाने पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल नेता िक जयंत चौधरी के उपस्थित रहने और उन्हें नहीं बुलाने को लेकर लोग तर्क-वितर्क कर रहे हैं।

सुभासपा नेता ने कहा, ‘‘हमारी तरफ से कोई दरार नहीं है। सब कुछ ठीक है। सुभासपा गठबंधन धर्म के निर्वहन के लिए कटिबद्ध है। हम सपा गठबंधन में हैं और रहेंगे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन को तोड़ेंगे तथा उन्हें बाहर कर देंगे, तब इसके बाद वह निर्णय करेंगे।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''हमारे लिए गठबंधन के विकल्प खुले हुए हैं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से भी गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है, शिवपाल सिंह यादव से भी हाथ मिला सकते हैं।''

उन्होंने भाजपा से गठबंधन को लेकर पूछे जाने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने केवल यह कहा कि अभी ऐसा कोई इरादा नहीं है।

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