जरुरी जानकारी | दूरसंचार विभाग का 5जी सेवाओं के लिए अंतरिक्ष, रक्षा विभाग से स्पेक्ट्रम खाली करने का अनुरोध

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर दूरसंचार विभाग ने 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए रक्षा विभाग और अंतरिक्ष विभाग से मध्यम और उच्च स्पेक्ट्रम बैंड को खाली करने का अनुरोध किया है।

सूत्रों के अनुसार कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में बनायी गयी एक समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। यह समिति स्पेक्ट्रम से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए गठित की गयी है।

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देश में 5जी सेवाएं शुरू करने में देरी की प्रमुख वजह रक्षा मंत्रालय, अंतरिक्ष विभाग और दूरसंचार विभाग के बीच का अंतरविरोध है।

सरकार ने 2020 में 5जी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन सूत्रों की मानें तो यदि मामला सुलझता है तो केवल 2021 के शुरुआती महीनों में ही स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा सकती है।

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दूरसंचार विभाग ने रक्षा मंत्रालय से 3300- 3400 मेगाहर्ट्ज और 3000-3100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग की है। वहीं अंतरिक्ष विभाग से 3600-3700 मेगाहर्ट्ज में स्पेक्ट्रम खाली करने के लिए अनुरोध किया गया है।

इस संबंध में रक्षा मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और अंतरिक्ष विभाग को किए गए ई-मेल का तत्काल उत्तर नहीं मिल सकता है।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार विभाग के राय मांगने पर अगले दौर में मात्र 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी करने का सुझाव दिया है। ट्राई ने इस बैंड में प्रत्येक मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये कीमत की अनुशंसा की है।

सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग मध्यम श्रेणी में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हाासिल करने का भी प्रयास कर रहा है। यह 5जी सेवाओं के लिए दूरसंचार कंपनियों की इंटरनेट स्पीड की क्षमता को बढ़ाएगा।

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