डॉक्टरों और हेल्पलाइन नम्बर पर कोरोना वायरस से संबंधित पूछे जाते है ढेरों सवाल
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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल कोरोना वायरस महामारी को लेकर लोगों के मन में ढेरों सवाल हैं और इनमें से कुछ सवाल प्रासंगिक और गंभीर होते है लेकिन कभी-कभी कुछ अजीबोगरीब सवाल भी पूछे जाते है। डॉक्टरों और हेल्पलाइन नंबरों पर बड़ी संख्या में ऐसे ही सवाल पूछे जा रहे है जैसे एक व्यक्ति ने पूछा, ‘‘मुझे फ्लू जैसे लक्षण हैं। क्या मुझे कोरोना वायरस है?’’ एक सवाल किया गया कि ‘‘क्या हम ‘मेड इन चाइना’ उत्पादों से कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।?”’’

आपात स्थिति में ही शारीरिक जांच की जा रही है, नहीं तो अब टेलीफोन ने स्टेथोस्कोप का स्थान ले लिया और डॉक्टर फोन पर मरीजों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान बताने में व्यस्त हैं।

क्लीनिकों और अस्पतालों में सामान्य कतार दिखाई नहीं देती है लेकिन डॉक्टर हमेशा की तरह व्यस्त हैं और वे हेल्पलाइन नंबरों, टेलीविजन, अस्पतालों और सोशल मीडिया पर लोगों के सवालों के जवाब दे रहे हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि सवाल कई हैं और इनमें से कई चौंकाने वाले होते हैं।

सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल लक्षणों और रोकथाम से संबंधित हैं। जैसे ‘‘क्या गर्मियों में कोरोना वायरस खत्म हो जायेगा?’’ ,‘‘क्या बाहर के भोजन और मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए?’’, ‘‘क्या धूम्रपान से इस बीमारी से निजात पाने में मुश्किल आती है? ,‘‘क्या फेस मास्क उपयोगी हैं?’’ ,‘‘ क्या साबुन सैनिटाइजर से बेहतर है? ‘‘क्या मेरे परिवार में बुजुर्ग अधिक संवेदनशील हैं।’’

डॉक्टरों को कुछ अजीबोगरीब सवालों का भी सामना करना पड़ता है जैसे क्या चीन से आने वाले किसी मेल के जरिये कोई संक्रमित हो सकता है? , ‘‘ गर्म पानी पीने से वायरस को खत्म किया जा सकता है?, ‘‘क्या अन्य लोगों की तुलना में भारतीयों में कोरोना वायरस से निपटने में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक हैं? , ‘‘ क्या दाढ़ी और मूछों वाले लोगों को यह बीमारी होने का खतरा अधिक है?’’

बेंगलुरु स्थित पोर्तिया मेडिकल के चिकित्सा निदेशक विशाल सहगल ने कहा कि मार्च के तीसरे सप्ताह में शुरू की गई व्हाट्सएप चैटबॉट सेवा को अब तक 16 से अधिक देशों से 15 लाख से अधिक सवाल प्राप्त हुए है। इसके अलावा उन्हें उनकी हेल्पलाइन पर हर रोज कोरोना वायरस से संबंधित 100 से अधिक कॉल मिल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में कोरोना वायरस को लेकर काफी चिंता और शंकाएं हैं। वे ज्यादातर इस बारे में सोचते हैं कि यह वायरस क्या है, यह कैसे काम करता है और क्या सुरक्षा उपायों को अपनाये जाने की आवश्यकता है। यदि उनमें इस तरह लक्षण सामने आते हैं तो वे क्या कर सकते हैं, इस पर बहुत सारे प्रश्न हैं।’’

सहगल ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘लेकिन कभी-कभी सवाल बस बेतुके होते हैं। जैसे ‘क्या यह सच है कि बीयर पीने से कोरोना वायरस से निपटने में मदद मिल सकती है।’’

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