देश की खबरें | कोलाथूर में स्टालिन की जीत को लेकर उम्मीद से भरी द्रमुक, अन्नाद्रमुक को भी आदी राजाराम पर भरोसा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन की कोलाथुर सीट में पार्टी कार्यकर्ता जबरदस्त उत्साह में हैं और यहां से लगातार तीसरी बार स्टालिन की जीत को लेकर उम्मीद से भरे हुए हैं। इस सीट के बारे में उनका कहना है कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने एक दशक तक इस क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है।

चेन्नई, दो अप्रैल द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन की कोलाथुर सीट में पार्टी कार्यकर्ता जबरदस्त उत्साह में हैं और यहां से लगातार तीसरी बार स्टालिन की जीत को लेकर उम्मीद से भरे हुए हैं। इस सीट के बारे में उनका कहना है कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने एक दशक तक इस क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है।

छह अप्रैल के विधानसभा चुनाव के लिए क्षेत्र भर में द्रमुक पूरे जोर शोर से प्रचार करती नजर आ रही है और स्टालिन पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं।

द्रमुक का प्रचार अभियान कई टीमें चला रही हैं जिनमें पार्टी की ट्रेड यूनियन शाखा,

लेबर प्रोग्रेसिव फ्रंट से संबद्ध लोगों का एक छोटा सा समूह शामिल है जिसका नेतृत्व 50-55 साल का एक शख्स कर रहा है जो हर गली-नुक्कड़, कोने-कोने में एलपीएफ-द्रमुक का झंडा लेकर घूम रहा है और पैम्फलेट बांट रहा है।

उसने एक निवासी से कहा, “रोजगार के अवसर पैदा करने और श्रमिकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए द्रमुक का समर्थन करें’’। इतने में पड़ोस में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी की केंद्र की रेल कोच निर्माण इकाई के ट्रेड यूनियन के लोग भी उसके साथ खड़े हो गए।

वहीं, युवतियां ‘अनीता अचीवर्स एकेडमी’ की ‘उपलब्धियां’ गिनाने वाली पुस्तिकाएं घर-घर जाकर बांट रही हैं। यह मध्यम, निचले आय वर्ग और गरीब परिवारों की विद्यार्थियों को अकाउंट्स के सॉफ्टवेयर ‘टैली’ और सिलाई का काम सिखाने के लिए स्टालिन की तरफ से शुरू की गई पहल है।

पैम्फलेट बांट रही महिला ने गर्व से कहा, “करीब 500 विद्यार्थियों को टैली का प्रशिक्षण दिया गया और सभी को मुफ्त में लैपटॉप दिया गया और 395 महिलाओं ने सिलाई का काम सिखा और उन्हें मुफ्त में मोटर से चलने वाली सिलाई मशीन दी गई।”

उसने कहा कि इन सभी के लिए ‘प्लेसमेंट’ की सुविधा भी दी गई।

वहीं, अन्नाद्रमुक अपनी सरकार की कल्याण योजनाओं को भुनाने में जुटी है। इसके अलावा वह मुफ्त घर और लोगों को 1,500 रुपये प्रति माह देने के वादों की भी याद दिला रही है। स्टालिन को चुनौती देने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी की उम्मीदें अपने उम्मीदवार आदी राजाराम पर भी टिकी हुई हैं।

राजाराम पार्टी के एक क्षत्रप और अनुभवी नेता हैं जिनका अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो जे जयललिता भी एक दफा तारीफ कर चुकी हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता इस बात को भी याद करके भी गर्व महसूस करते हैं कि राजाराम ने 2006 में थाउजेंड लाइट्स क्षेत्र में स्टालिन को कड़ी चुनौती दी थी और द्रमुक नेता महज 2,468 वोट से उस बार जीत पाए थे।

वहीं, द्रमुक कार्यकर्ताओं की दलील है कि यह एक दशक पुरानी बात है और अब लोग स्टालिन का नेतृत्व चाहते हैं और वह बड़े अंतर से जीतेंगे। उन्होंने कोलाथूर से किए गए स्टालिन के वादे की भी यादि दिलाई कि उसे एक मॉडल क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाएगा और “यह मुख्यमंत्री की सीट भी होगी।”

इस सीट पर द्रमुक कितना ध्यान दे रही है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि कोलाथूर में रेड हिल्स रोड के छोटे से मार्ग पर ही दो चुनाव प्रचार केन्द्र हैं।

वहीं, प्रचार के स्तर पर अन्नाद्रमुक की तुलना द्रमुक से करें तो वह द्रमुक से पीछे दिखती है।

कई इलाकों में अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ता घर-घर जाते दिखते हैं और प्रचार वाहनों में लगे लाउडस्पीकर के जरिए ‘अम्मा’ सरकार की उपलब्धियां और आश्वासन गिना रहे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं की संख्या और सड़कों पर नजर आ रहे प्रचार वाहन, द्रमुक की तुलना में फीके नजर आते हैं।

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