नयी दिल्ली, 24 जून प्रत्येक राज्य को कोविड-19 टीकों का वितरण उसकी जनसंख्या, कोरोना वायरस मामले, उपयोग दक्षता और बर्बादी संबंधी कारकों के आधार पर किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें टीकों के गैर पारदर्शी वितरण का आरोप लगाया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के बीच गैर पारदर्शी तरीके से टीका वितरण किए जाने के आरोप “पूरी तरह निराधार” हैं।
इसने स्पष्ट किया कि भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 टीकों का आवंटन पारदर्शी तरीके से कर रही है जो किसी राज्य की आबादी, संक्रमण के मामलों, टीकों की उपयोग क्षमता और उसके बर्बाद होने की आशंकाओं पर आधारित है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत का राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम वैज्ञानिक एवं महामारी विज्ञान संबंधी साक्ष्यों पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों और सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों पर तैयार किया गया है। व्यवस्थित योजना वाले इस कार्यक्रम को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों तथा सबसे प्रमुख लोगों की प्रभावी एवं सफल सहभागिता से लागू किया गया है।
बयान के मुताबिक मीडिया की कुछ खबरों में राज्यों को पारदर्शी तरीके से कोविड-19 टीकों का आवंटन नहीं करने का आरोप लगाया गया है। मंत्रालय ने कहा कि ये “आरोप पूरी तरह निराधार और सही सूचना पर आधारित नहीं हैं।”
बयान में कहा गया, “यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पारदर्शी तरीके से कोविड-19 टीके आवंटित कर रही है।”
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