मुंबई, तीन अक्टूबर कंगना रनौत की फिल्म ‘‘इमरजेंसी’’ के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह फिल्म के प्रमाणपत्र को लेकर मुद्दों को सुलझाने के लिए सेंसर बोर्ड के साथ काम कर रहा है।
यह फिल्म पहले छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन फिल्म को रिलीज करने के लिए प्रमाणपत्र जारी न करने के कारण यह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के साथ विवाद में उलझ गई है।
पिछले सप्ताह सीबीएफसी ने उच्च न्यायालय को बताया था कि यदि बोर्ड की पुनरीक्षण समिति द्वारा निर्धारित कुछ दृश्य हटा दिए जाएं तो फिल्म रिलीज हो सकती है।
बृहस्पतिवार को वरिष्ठ वकील शरण जगतियानी ने न्यायमूर्ति बी.पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ को बताया कि मुद्दों को सुलझाने पर काम किया जा रहा है।
जगतियानी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सीबीएफसी और प्रतिवादी-2 (रनौत की मणिकर्णिका फिल्मस) के बीच यह काम चल रहा है।’’
पीठ शुक्रवार को मामले पर सुनवाई जारी रखेगी।
फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीएफसी को कंगना रनौत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
जीवनी आधारित यह फिल्म तब विवादों में आ गई जब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) समेत कुछ सिख संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई और समुदाय को गलत तरीके से पेश करने तथा ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर दिखाने का आरोप लगाया।
जी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म के लिए प्रमाण पत्र बना दिया था, लेकिन इसे जारी नहीं कर रहा है।
जी एंटरटेनमेंट ने पहले आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा में आगामी चुनावों के कारण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। पीठ ने तब आश्चर्य जताया था कि सत्तारूढ़ पार्टी रनौत के खिलाफ कार्रवाई क्यों करेगी, जो खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांसद हैं।
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