नयी दिल्ली, दो मई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के केंद्रीय एवं राज्य अधिकारियों की शुक्रवार को होने वाली बैठक में फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त पंजीकरण मानदंड जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रिफंड का दावा करने के लिए ही फर्जी कंपनियां बनाने पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा होगी।
यह बैठक आर्थिक वृद्धि में मजबूती, घरेलू लेनदेन में तेजी और सख्त ऑडिट एवं जांच के कारण अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचने के कुछ दिन के भीतर हो रही है।
केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की तीसरी राष्ट्रीय समन्वय बैठक में कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया पर विशेष जोर रहेगा। इसके अलावा पैसे की आवाजाही का पता लगाकर जीएसटी धोखाधड़ी के सरगना तक पहुंचने के तरीकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाले संदिग्ध करदाताओं की पहचान के लिए कर अधिकारी डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) का सहारा ले रहे हैं।
इसके अलावा जीएसटी पंजीकरण के लिए कंपनी परिसर के भौतिक सत्यापन और आधार प्रमाणीकरण के रूप में मजबूत जांच का भी इंतजाम है। इससे फर्जी पंजीकरणों का शीघ्र पता लगाने में मदद मिली है और उनपर काफी हद तक अंकुश लगा है।
गुजरात, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में एप्लिकेशन के पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण पर एक पायलट परियोजना चलाई जा रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर, 2023 के बीच केंद्रीय कर अधिकारियों ने जीएसटी चोरी के लगभग 14,600 मामले दर्ज किए थे। इस तरह के सर्वाधिक 2,716 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए और उसके बाद गुजरात (2,589), हरियाणा (1,123) और पश्चिम बंगाल (1,098) का स्थान रहा।
इसके अलावा जीएसटी आसूचना अधिकारियों ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 18,000 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी मामलों का पता लगाया है और 98 धोखेबाजों/ सरगनाओं को गिरफ्तार किया है।
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