ताजा खबरें | आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक संवैधानिक रूप से अस्थिर, कई मोर्चे पर खामियां : विपक्ष

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. विपक्ष ने आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक को संवैधानिक रूप से अस्थिर करार देते हुए लोकसभा में बुधवार को कहा कि इसमें कई मोर्चे पर खामियां मौजूद हैं। हालांकि सत्ता पक्ष ने जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न गंभीर आपदा की स्थितियों से निपटने के लिए इस विधेयक को समय की मांग करार दिया।

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर विपक्ष ने आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक को संवैधानिक रूप से अस्थिर करार देते हुए लोकसभा में बुधवार को कहा कि इसमें कई मोर्चे पर खामियां मौजूद हैं। हालांकि सत्ता पक्ष ने जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न गंभीर आपदा की स्थितियों से निपटने के लिए इस विधेयक को समय की मांग करार दिया।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए दावा किया कि यह विधेयक संवैधानिक रूप से अस्थिर है, क्योंकि इसमें कई मोर्चों पर कमी है।

उन्होंने कहा कि इसे "बिना सोचे समझे" तैयार किया गया है।

थरूर ने कहा कि यह विधेयक आपदा प्रबंधन से संबंधित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समितियों को कमजोर करने का प्रयास करता है।

उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि जुलाई में वायनाड में हुई बारिश, बाढ़ और भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की केरल सरकार की मांग को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया।

केंद्र सरकार से विधेयक वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद आपदा प्रबंधन में सांसदों की कोई आवाज नहीं रह जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कई बातें ऐसी हैं जिन्हें और स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। उन्होंने विधेयक में उच्चाधिकार प्राप्त समिति के प्रावधान को लेकर कहा कि जब पहले से ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण है, तमाम निकाय हैं तो उच्चाधिकार प्राप्त समिति की जरूरत क्या है।

उन्होंने इसे शक्ति का दुरुपयोग करार दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह विधेयक राज्यों को सभी आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करेगा।

रावत ने कहा कि विधेयक में उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंताओं का ख्याल रखा गया है, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कई प्राकृतिक आपदाओं को झेला है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित कानून सरकार को आपदाओं से अधिक कुशलता से निपटने में सक्षम बनाएगा।

बहस में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि विधेयक आपदा प्रबंधन में कई सकारात्मक बदलाव करने का प्रयास करता है, लेकिन इसमें कई नकारात्मक खंड भी हैं।

जब तृणमूल सदस्य ने कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार के साथ असहयोग का आरोप लगाया, तो गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, जिन्होंने सभी राज्यों की मदद की और सभी को साथ लेकर संकट को सफलतापूर्वक संभाला।

राय ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के माध्यम से कोविड-19 टीकों के परिवहन में बाधा डालने की कोशिश की।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खड़े होकर राय का समर्थन करते हुए कहा कि भारत महामारी के दौरान "विश्व बंधु" के रूप में उभरा है और दुनिया भर के सभी जरूरतमंद देशों की उसने मदद की है।

इसके बाद, बनर्जी ने सिंधिया पर निशाना साधा और मंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणियां कीं, जिन्हें अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही से हटा दिया।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वाद-विवाद जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

चर्चा अधूरी रही।

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