देश की खबरें | डीएचएफएल-यस बैंक मामला: धीरज वधावन को जमानत देने से अदालत का इनकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुंबई में एक विशेष अदालत ने यस बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद ‘डीएचएफएल’ के प्रवर्तक धीरज वधावन को स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।

मुंबई, 17 जुलाई मुंबई में एक विशेष अदालत ने यस बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद ‘डीएचएफएल’ के प्रवर्तक धीरज वधावन को स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मिली पुलिस सुरक्षा के लिए 24 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया है।

अदालत ने 14 जुलाई को जमानत याचिका खारिज करने का आदेश सुनाया था जिसका विवरण सोमवार को उपलब्ध हुआ। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों के लिए नियुक्त विशेष न्यायाधीश एम.जी. देशपांडे ने फैसले में कहा कि पुलिस को इस राशि की वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

न्यायाधीश ने कहा कि जिस बीमारी के इलाज के लिए जमानत मांगी गई है, उसके लिए लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने या अंतरिम जमानत की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोपी के कथित अपराध की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वधावन ने अपनी याचिका में इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उन्हें हृदय संबंधी गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने बताया था कि उन्हें जनवरी, 2018 में 38 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ा था, लिहाजा उन्हें स्विट्जरलैंड में आपातकालीन ‘एंजियोप्लास्टी’ करानी है।

अदालत ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान अब काफी प्रगति कर चुका है और धमनियों को ठीक करने की प्रक्रिया कम समय में सफलतापूर्वक की जा सकती है।

अदालत ने कहा कि कभी-कभी ऐसी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद मरीजों को उसी दिन छुट्टी दी जा सकती है।

अदालत ने कहा कि 2018 में दिल का दौरा पड़ने के बावजूद 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान याचिकाकर्ता और उनके भाई (कपिल वधावन) परिवार के साथ (लोनावाला) में घूम रहे थे। 2020 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

विशेष न्यायाधीश ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि धीरज वधावन ने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मिली पुलिस सुरक्षा से संबंधित व्यय का भुगतान करने का वचन दिया था।

अदालत ने कहा, "फिर भी, उन्होंने (धीरज) 24,10,069 रुपये का भुगतान नहीं किया। नवी मुंबई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को इसे वसूल करने के लिए इस अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।"

इस मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनके परिवार के सदस्य और व्यवसायी कपिल वधावन भी आरोपी हैं।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ था, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक ऋणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

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