देश की खबरें | धनखड़ ने ममता को आड़े हाथ लेते हुए कहा, उन्होंने सदन में अव्यवस्था की प्रशंसा की
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कोलकाता, नौ मार्च पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में उत्पन्न हुई अव्यवस्था की प्रशंसा की, जबकि उन्हें संबोधन को बीच में ही खत्म करना पड़ा और अपने भाषण को सदन के पटल पर रखना पड़ा।
धनखड़ ने कहा कि सोमवार को विधानसभा में उन्हें वस्तुत: मंत्रियों और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के ‘घेराव’ का सामना करना पड़ा।
राज्यपाल की यह टिप्पणी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मंगलवार को दिए गए उस बयान के बाद आयी है, जिसमें उन्होंने सदन में भाजपा विधायकों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद राज्यपाल से अपना संबोधन पूरा करने का अनुरोध करने को लेकर अपनी महिला विधायकों की प्रशंसा की थी।
धनखड़ ने सदन की कार्यवाही से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय से कहा था कि वह उनसे मुलाकात करें।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पवित्र पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्यपाल के घेराव/ नाकेबंदी करने की प्रशंसा तो कम ही की जाए, इस पाप से मुक्त होने का कोई तर्क नहीं हो सकता।’’
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के भाषण का वीडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा, ‘‘यह प्रतिबिंबित करता है। हम कहां जा रहे हैं और क्यों। माननीय मुख्यमंत्री किस चीज की प्रशंसा कर रही हैं। सदन में ‘अव्यवस्था’ की। हमें लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।’’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन उस समय नाटकीय स्थिति देखने को मिली जब हाल में हुए नगर निकाय चुनाव में कथित हिंसा के खिलाफ भाजपा विधायकों के हंगामेदार प्रदर्शन के बीच राज्यपाल को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा और उन्हें इसे सदन के पटल पर रखना पड़ा। इस हंगामे के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की महिला विधायकों ने राज्यपाल से अपना भाषण जारी रखने का अनुरोध किया।
बाद में विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में धनखड़ ने कहा, ‘‘कैसी विडंबना है कि राज्यपाल के अभिभाषण में प्रधान साझेदार सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी सदन की अव्यवस्था में योगदान दिया, जहां पहले ही विपक्ष का अनियंत्रित प्रदर्शन देखने को मिल रहा था।’’
राज्यपाल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विधानसभा की पहले दिन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने भाजपा विधायकों के अनियंत्रित व्यवहार का सामना किया, लेकिन उसे नजरअंदाज कर आरोप तृणमूल पर मढ़ दिया, जो केवल इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही थी कि वह अपना रस्मी बजट भाषण पूरा करें और किसी दुर्व्यवहार का सामना नहीं करें।
घोष ने कहा, ‘‘राज्यपाल का ट्वीट उनके भाजपा से गठजोड़ का खुलासा करता है और संकेत देता है कि उनकी वास्तविक योजना प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही विधानसभा को छोड़ने की थी और हमारी महिला विधायकों ने ऐसा होने नहीं दिया।’’
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