नयी दिल्ली, 24 जुलाई: यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह खतरे से निशान 205.33 मीटर से एक मीटर से अधिक ऊपर रहा, जिसके कारण प्राधिकारियों ने ‘ओल्ड रेलवे ब्रिज’ (ओआरबी) पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया. ओआरबी पर नदी का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के अब तक के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद कुछ दिन से खतरे के निशान के आस-पास है. यह भी पढ़ें: Gyanvapi Case: ज्ञानवापी विवाद पर उच्चतम न्यायालय का आदेश, परिसर में कोई तोड़-फोड़ या खुदाई का काम नहीं किया जाए
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से नदी में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ओआरबी पर रेलगाड़ियों का परिचालन यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण निलंबित कर दिया गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग बंद रहेगा और रेलगाड़ियों को नयी दिल्ली के रास्ते भेजा जाएगा.’’ अधिकारियों के मुताबिक, नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है.
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार देर रात तीन बजे 206.57 मीटर पर पहुंच गया., जिसके बाद इसमें गिरावट आने लगी. आंकड़ों के मुताबिक, जलस्तर सोमवार सुबह आठ बजे 206.54 मीटर दर्ज किया गया, जिसके अपराह्न दो बजे तक गिरकर 206.42 मीटर पहुंचने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही.
दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी.
पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है. ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं. दिल्ली को इस महीने अप्रत्याशित जलभराव और बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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