दिल्ली हिंसाः अदालत ने जले हुए शव का शीघ्रता से डीएनए परीक्षण करने को कहा
न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे 18 अप्रैल तक डीएनए परीक्षण का नतीजा पीड़ित के परिवार को बताएं।
नयी दिल्ली, नौ अप्रैल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में कथित रूप से गोली मारकर जला दिए गए व्यक्ति की डीएनए जांच तेजी से करें ताकि उसकी पहचान की पुष्टि हो सके।
न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे 18 अप्रैल तक डीएनए परीक्षण का नतीजा पीड़ित के परिवार को बताएं।
अदालत शिव विहार निवासी 58 वर्षीय अनवर कस्सार की बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कस्सार की बेटी ने याचिका में कहा है कि 23 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान उनके पिता को गोली मारी गई थी और फिर जला दिया गया था।
उन्होंने एक याचिका में कहा कि उन्होंने अपने पिता के शव की पहचान की थी, लेकिन जले हुए शव से। इसलिए शव की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए से मिलान होना चाहिए और डीएनए परीक्षण अबतक नहीं किया गया है।
उन्होंने अदालत से अधिकारियों को शीघ्रता से डीएनए परीक्षण कराने और समयबद्घ तरीके से नतीजे देने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
दिल्ली सरकार के वकील ने याची को बताया कि 16 अप्रैल तक उस शव का डीएनए परीक्षण कर लिया जाएगा जिसकी उन्होंने पहचान की थी।
फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून, 2019 (सीएए) समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा हुई थी।
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