देश की खबरें | दिल्ली दंगे: अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी के कारण एक व्यक्ति की जमानत मंजूर की।
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, सात अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगा मामलों से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति की जमानत मंजूर की और कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने में ‘‘प्रत्यक्ष देरी’’ हुई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने रोहित को 20 हजार रुपए की जमानत राशि और इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर राहत दी।

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अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता आजाद सिंह ने प्राथमिकी में शुरुआत में तीन लोगों के नाम दिए थे लेकिन बाद में वह बयान से मुकर गया था

न्यायाधीश ने अपने बयान में कहा,‘‘ मैंने पाया है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में प्रत्यक्ष तौर पर देरी हुई है।’’

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अदालत ने कहा कि मामले में रोहित नाम के दो आरोपी थे और यह शिकायतकर्ता और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों से स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किसके खिलाफ आरोप लगाए हैं।

अदालत ने कहा कि करावल नगर इलाके में दंगे से जुड़े सीसीटीवी फुटेज अथवा वायरल हुए वीडियो में रोहित कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

अदालत ने रोहित को गवाहों को नहीं धमकानें, साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और मामले की सुनवाई में नियमित तौर पर मौजूद रहने के निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान रोहित की ओर से पेश वकील अमित सिंह ने अदालत को बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में लगभग आठ दिनों की ‘‘अस्पष्ट देरी’’ हुई है।

उन्होंने कहा कि रोहित किसी भी सीसीटीवी फुटेज या वायरल हुए वीडियो में नहीं दिखाई दिया है और शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में उसका नाम भी नहीं लिया है।

राज्य की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील राम चंदर सिंह भदौरिया ने जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने अपने पूरक बयान में आरोपी का नाम दिया था।

उन्होंने आगे कहा कि सह अभियुक्त अंकित और सौरभ शर्मा ने भी अपने बयानों में रोहित का नाम लिया था।

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