नयी दिल्ली, 28 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने या न करने को लेकर लिखित दलीलें पेश करने के लिए मंगलवार को पुलिस को एक सप्ताह का समय दिया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने अभियोजन पक्ष को छह दिसंबर तक दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी जबकि शिकायतर्ताओं की लिखित दलीलें दर्ज कर लीं।
न्यायाधीश ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सिंह के वकील की ओर से दायर याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान की।
न्यायाधीश ने कहा, “शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने लिखित दलीलें प्रस्तुत कर दी हैं। लिखित दलीलों की एक-एक प्रति अभियोजन और बचाव पक्ष को भेज दी गई है। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने लिखित दलीलें पेश करने के लिए कुछ और समय मांगा है। अनुरोध के अनुसार समय प्रदान कर दिया गया है। मामले पर अब छह दिसंबर को सुनवाई होगी।”
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक आरोपपत्र दाखिल किया था।
पुलिस ने आरोप पत्र में डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर को भी नामजद किया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)