देश की खबरें | दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा-कोरोना वायरस ने उनकी छानबीन, संचार प्रक्रिया बदल दी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पीपीई किट पहनना, आरोपियों की अनिवार्य कोविड-19 जांच करना, उंगलियों के निशान लेते समय सावधानी बरतना जैसी चीजें आपराधिक मामलों की छानबीन में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के लिये अब एक नये तरह की सामान्य दिनचर्या बन गई है।
नयी दिल्ली, नौ अगस्त पीपीई किट पहनना, आरोपियों की अनिवार्य कोविड-19 जांच करना, उंगलियों के निशान लेते समय सावधानी बरतना जैसी चीजें आपराधिक मामलों की छानबीन में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के लिये अब एक नये तरह की सामान्य दिनचर्या बन गई है।
दरअसल, मामले की छानबीन के दौरान उन्हें खुद को सुरक्षित सुनिश्चित करना होता है क्योंकि कोविड-19 से 19 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है। वहीं, 2500 से अधिक पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर कर्मी इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हो गये और ड्यूटी पर लौट आये।
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पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनके आपस में संवाद करने, आरोपियों से पूछताछ करने, समाज में लोगों से मिलने-जुलने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। वे अब व्हाट्सऐप के जरिये वारंट एवं सम्मन भेजते हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘संचार में प्रौद्योगिकी ने एक अहम भूमिका निभाई है। हम विभिन्न समूहों, बाजार संघों के साथ वीडियो लिंक के जरिये बैठकें कर रहे हैं। ’’
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अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामूली अपराधों की शिकायतों और मामलों में ऑनलाइन ब्योरा एकत्र करना शुरू किया है, जबकि पूछताछ वीडियो लिंक के जरिये की जा रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जांच अधिकारी (आईओ) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत की सुनवाई में हिस्सा ले रहे हैं। बयान की वीडियो रिकार्डिंग स्वीकार की जा रही है। इससे समय बच रहा है और हर कोई सुनवाई में शामिल हो पा रहा है। ’’
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी उन्हीं मामलों में की जा रही जिनमें उसकी बिल्कुल जरूरत है या फिर हत्या, बलात्कार के मामले या जिनमें आरोपी के फरार होने की आशंका हो।
बाहरी दिल्ली जिला के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हम सामाजिक दूरी के नियमों का यथासंभव पालन करने की कोशिश कर रहे हैं। वास्तविक बदलाव हमारे संवाद करने, बैठक करने और निर्देश भेजने में आया है। ’’
पुलिस उपायुक्त (रेलवे) हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, ‘‘हम पटरियों पर दुर्घटना एवं आत्महत्या की घटनाओं से निपटते हैं। इसलिए प्रोटोकॉल के तहत हमारे कर्मी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनते हैं और तभी जाकर वे शवों को हाथ लगाते हैं। ’’
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