
नयी दिल्ली, सात फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड’ (बीपीएसएल) के खिलाफ धन शोधन का मुकदमा खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा ने बीपीएसएल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत सफल समाधान प्रक्रिया से गुजरने के बाद कंपनी पर दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए अपराधों के लिए मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए।
बीपीएसएल अब जेएसडब्ल्यू स्टील के अधीन है।
अदालत ने कहा हालांकि कंपनी की देनदारी समाप्त हो गई है, इसके बावजूद पूर्ववर्ती कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कानून के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
अदालत ने 30 जनवरी को पारित आदेश में कहा, “रिट याचिका उपरोक्त स्पष्टीकरण के साथ आंशिक रूप से मंजूर की जाती है और राउज एवेन्यू जिला अदालत (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के विशेष न्यायाधीश द्वारा 17 जनवरी, 2020 को पारित किए गए आदेश को संज्ञान में लिया जा रहा है और आपराधिक कार्यवाही जारी रखी जा रही है। केवल याचिकाकर्ता कंपनी को इससे अलग किया जा रहा है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और विकास पाहवा ने अदालत में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया।
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