देश की खबरें | बच्चों को कोविड की तीसरी लहर से बचाने के लिये कार्यबल बनाएगी दिल्ली सरकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिये बाल रोग विशेषज्ञों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का एक विशेष कार्यबल बनाएगी।

नयी दिल्ली, 19 मई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिये बाल रोग विशेषज्ञों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का एक विशेष कार्यबल बनाएगी।

दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि अधिकारियों की एक समिति भी गठित की जाएगी जो राष्ट्रीय राजधानी में दवाओं, ऑक्सीजन और बिस्तरों की उपलब्धता से जुड़े मामले देखेगी।

केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिये अधिकारियों के साथ एक बैठक की और महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिये उठाए जाने वाले कदमों को लेकर चर्चा की।

बैठक में दिल्ली में कोविड-19 के लिये नोडल मंत्री तथा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।

केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो उससे लड़ने के लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा। आज अधिकारियों के साथ बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए। तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए बनाएंगे विशेष कार्यबल; पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं का पहले से बेहतर प्रबंधन।’’

बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि शहर के अस्पतालों में प्राथमिकता के आधार पर बिस्तरों की संख्या के साथ ऑक्सीजन आवंटन भी बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन टैंकरों और अस्पतालों को ‘प्राण-वायु’ की अधिकतम आपूर्ति के लिये ऑक्सीजन संयंत्रों के सुचारू कामकाज को लेकर पहले से ही इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है।

बयान के मुताबिक तीसरी लहर में दिल्ली को 40 हजार ऑक्सीजन बिस्तरों के साथ ही 10 हजार आईसीयू बिस्तरों के लिये तैयारी की जरूरत पड़ सकती है।

बैठक में दवाओं के प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।

केजरीवाल ने अधिकारियों को बताया, “कोविड बिस्तरों को बढ़ाने की वजह से अस्पतालों को ऑक्सीजन का आवंटन भी बढ़ाना पड़ेगा। हमें अपने पास पर्याप्त ऑक्सीजन टैंकर रखने होंगे जिससे आपूर्ति की कमी न हो। हमें अधिकतम ऑक्सीजन भंडारण और ऑक्सीजन संयंत्रों का समुचित कामकाज सुनिश्चित करना होगा।”

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