लाउडस्पीकर हटाने संबंधी आदेश का पालन नहीं कर रही दिल्ली सरकार: भाजपा

लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का दिल्ली की सरकार ने अभी तक पालन नहीं किया है.

बीजेपी (Photo Credits PTI

नयी दिल्ली, 3 मई : लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय (Supreme court) के आदेश का दिल्ली की सरकार ने अभी तक पालन नहीं किया है. नियमों के मुताबिक अस्पताल, अदालतों, स्कूलों जैसे घोषित शांत क्षेत्रों (साइलेंट जोन) के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. गुप्ता ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने कई मंदिरों और गुरुद्वारों का दौरा किया और पाया कि वहां कोई ध्वनि प्रदूषण नहीं था. मंदिर और गुरुद्वारों के परिसर के अंदर भजन-कीर्तन हो रहा था. दिल्ली सरकार ने (अन्य धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के संबंध में)अपना कर्तव्य नहीं निभाया.’’

प्रदेश अध्यक्ष गुप्ता ने इस सिलसिले में सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा था. इससे पहले, भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और नगर निगमों को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने या आवाज नियंत्रित करने की कार्रवाई की मांग की थी, जो इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं. भाजपा सांसद ने दावा किया कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का उत्तर प्रदेश ने ठीक से पालन किया है लेकिन दिल्ली में इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा है. ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने मानव स्वास्थ्य ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव का हवाला देकर 2005 में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सकता था.

केजरीवाल को लिखे पत्र में गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण बड़ी चिंता का कारण बन गया है. उन्होंने कुछ सर्वेक्षणों को हवाला देते हुए कहा कि ध्वनि प्रदूषण से उच्च रक्तचाप, सुनने की समस्या, नींद ना आना जैसे बीमारियों में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक धार्मिक व अन्य स्थानों पर लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए जाने चाहिए. ध्वनि प्रदूषण के वे मूल स्रोत हैं. उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि उसकी आवाज भी नियंत्रित होनी चाहिए ताकि छात्रों, मरीजों और कार्यालयों में काम करने वालों को दिक्कतें ना हों.’’ यह भी पढ़ें :Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से अदा हुई ईद की नमाज

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि अन्य राज्यों की तर्ज पर दिल्ली में भी सभी स्थानों से लाउडस्पीकर हटाए जाएं. उल्लंघन करने वालों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए. यह हमारे सभी सांसदों व विधायकों की मांग है.’’ उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए करीब 54 हजार लाउडस्पीकर अब तक हटाए गए हैं जबकि करीब 60 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई है. प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर हटाने तथा अन्य लाउडस्पीकर की आवाज को निर्धारित सीमा तक सीमित करने का अभियान पिछली 25 अप्रैल को शुरू हुआ था.

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