Delhi: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये मांगे

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुक्रवार को केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की मांग की और दावा किया कि आयकर के रूप में पिछले साल दो लाख करोड़ रुपये का योगदान देने के बावजूद दिल्ली को कुछ नहीं मिला.

नयी दिल्ली, 19 जुलाई : दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुक्रवार को केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की मांग की और दावा किया कि आयकर के रूप में पिछले साल दो लाख करोड़ रुपये का योगदान देने के बावजूद दिल्ली को कुछ नहीं मिला. मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली ने केंद्रीय करों में सीजीएसटी के रूप में 25,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. केंद्र का वर्षिक बजट पेश होने से पहले आतिशी ने दिल्ली के लिए अधिक धनराशि जारी करने की वकालत करते हुए कहा कि धन राशि को सड़क, परिवहन और बिजली क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ शहर के सौंदर्यीकरण पर खर्च किया जा सकता है. संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी.

आतिशी ने कहा कि केंद्र को मुंबई से पांच लाख करोड़ रुपये कर के रूप में मिलते हैं और बदले में केंद्र महाराष्ट्र सरकार को 54,000 करोड़ रुपये देता है. दिल्ली की तरह बेंगलुरु भी करों के रूप में दो लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है और केंद्र सरकार केंद्रीय करों से उसे 33,000 करोड़ रुपये प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ 2001 से केंद्र सरकार केंद्रीय करों से दिल्ली सरकार को केवल 325 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही है. हालांकि, पिछले साल यह भुगतान भी बंद कर दिया गया और अब राष्ट्रीय राजधानी को एक रुपया भी नहीं दिया जाता. मंत्री ने कहा कि शहर के लोगों ने पिछले साल करों के रूप में दिल्ली सरकार को 35,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसे 24 घंटे मुफ्त बिजली, अस्पतालों में मुफ्त इलाज, सड़कों और फ्लाईओवर के निर्माण व रखरखाव जैसी सुविधाएं प्रदान करने पर खर्च किया गया. यह भी पढ़ें : थरूर ने कर्नाटक के नौकरी आरक्षण विधेयक को असंवैधानिक बताया

दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने केंद्र को जो कुल 2.32 लाख करोड़ रुपये कर के रूप में दिए, उसमें से उसने दिल्ली पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया. इस बीच, भाजपा की दिल्ली इकाई के सचिव हरीश खुराना ने मंत्री पर पलटवार करते हुए उन पर इस मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. खुराना ने दावा किया कि केंद्र ने 2015 में दिल्ली सरकार को 4,258 करोड़ रुपये दिए थे, जो 2022 में बढ़कर 11,945 करोड़ रुपये हो गए.

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