देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने 11 वर्षीय बच्चे की हत्या के लिए व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई
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नयी दिल्ली, छह अक्टूबर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को 11 वर्षीय एक बच्चे की 2009 में अपहरण करने के बाद हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि यह ‘‘क्रूर और जघन्य’’ कृत्य था और इसमें नरमी नहीं बरती जा सकती।
अदालत ने जीवक नागपाल को सजा सुनाई, जो राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी में पीड़ित का पड़ोसी था।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने कहा, ‘‘इस तरह के कृत्य के लिए दोषी के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती है और उसे आजीवन कारावास की सजा देना अपर्याप्त है और मौत की सजा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’ उन्होंने मामले को ‘‘विरलतम’’ करार दिया।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद मेरा मानना है कि 12 वर्ष से भी कम उम्र के निर्दोष बच्चे की हत्या करते हुए दोषी का कृत्य क्रूरतापूर्ण और जघन्य था।’’
शिकायतकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत दीवान के मुताबिक, दोषी ने 18 मार्च 2009 को बच्चे का अपहरण किया था और फिरौती की मांग के लिए उसके पिता को कई संदेश भेजे थे।
उसने चेतावनी दी कि अगर फिरौती की मांग पूरी नहीं की गई तो उनके बेटे की हत्या कर दी जाएगी और उनके घर को बर्बाद कर दिया जाएगा।
दोषी ने बच्चे पर किसी वस्तु से प्रहार करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी।
बच्चे की हत्या के बाद उसने शव को एक सूखे नाले में फेंक दिया था।
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