देश की खबरें | दिल्ली की अदालत इंजीनियर रशीद का मामला एमपी/एमएलए अदालत भेजने पर कर सकती है विचार

नयी दिल्ली, 13 नवंबर दिल्ली की एक अदालत बारामूला के सांसद इंजीनियर रशीद के खिलाफ कथित आतंकवाद वित्तपोषण के मामले को एमपी/एमएलए अदालत में स्थानांतरित करने पर 20 नवंबर को विचार कर सकती है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने कहा कि चूंकि रशीद अब सांसद हैं, इसलिए यह मामला सांसदों-विधायकों के मामलों पर सुनवाई करने के लिए गठित विशेष अदालत में भेजा जा सकता है। अदालत ने बुधवार को मामले की सुनवाई राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा बहस के लिए और समय मांगे जाने के बाद स्थगित कर दी।

न्यायाधीश ने इससे पहले इस मामले में रशीद की जमानत पर आदेश सुरक्षित रखा था। उन्होंने रेखांकित किया कि वह पहले न्यायाधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार करेंगे तथा इस बात पर भी विचार करेंगे कि मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित किया जाए या नहीं।

न्यायाधीश ने जेल में बंद रशीद की जमानत पर आदेश 19 नवंबर तक के लिए टाल दिया था।

अदालत ने कहा था, ‘‘चूंकि हम न्यायाधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं कि क्या मामले की सुनवाई इस अदालत द्वारा की जाएगी या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मामलों के लिए नामित एमपी/एमएलए अदालत द्वारा, इसे (जमानत आदेश को) उसके बाद ही सुनाया जाएगा।’’

रशीद ने अपनी अंतरिम जमानत अवधि पूरी होने के बाद 28 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

अदालत ने इंजीनियर रशीद के नाम से लोकप्रिय शेख अब्दुल रशीद को 10 सितंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी और उनकी नियमित जमानत याचिका पर आदेश स्थगित कर दिया था।

बाद में अदालत ने रशीद की अंतरिम जमानत अवधि उनके पिता के खराब स्वास्थ्य के आधार पर 28 अक्टूबर तक बढ़ा दी।

नवनिर्वाचित सांसद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें एनआईए ने 2017 के आतंकवाद वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था।

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