देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने भाजपा सांसद की पार्टी विधायक के खिलाफ मानहानि याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 26 मार्च दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दार्जीलिंग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद द्वारा पार्टी के ही एक विधायक के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि विधायक ने अपनी शिकायत जाहिर की थी जो मानहानि नहीं हो सकती और इस याचिका को स्वीकार करने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार निरर्थक हो जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नेहा मित्तल ने राजू बिस्ता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और बिष्णु प्रसाद शर्मा के खिलाफ मामले पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

न्यायाधीश ने कहा, “याचिका में जिसे आरोपी बताया गया है उसने अपनी शिकायत जाहिर की थी कि उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर याचिकाकर्ता ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस तरह की अभिव्यक्ति मानहानि के अपराध की श्रेणी में नहीं आती, नहीं तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार निरर्थक हो जाएगा।”

अदालत ने कहा, “प्रस्तावित आरोपी द्वारा दिए गए बयान आधिकारिक कार्यों के निर्वहन को लेकर याचिकाकर्ता के आचरण से संबंधित थे। वह एक जननेता हैं और इसलिए यह मानहानि की श्रेणी में नहीं आ सकता।”

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि विधायक शर्मा ने अप्रैल 2024 में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ‘निराधार और अपमानजनक’ टिप्पणी कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

बिस्ता ने जल जीवन मिशन से जुड़े कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाये जाने के बाद मानहानि का दावा किया था।

न्यायाधीश ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगाया गया था बल्कि उनसे प्रस्तावित आरोपी द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच करने की मांग की गई थी।

आदेश के मुताबिक, “भ्रष्टाचार के कथित मामलों की जांच की मांग किसी को मानहानि के अपराध के लिए उत्तरदायी नहीं बना सकती और कम से कम तब तक नहीं जब तक कि उस मामले की जांच न की जाए और यह निष्कर्ष न निकाला जाए कि आरोप निराधार हैं।”

जितेंद्र रंजन

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