नेताओं के बीच विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं: नितिन गडकरी
Nitin Gadkari Photo Credits: Twitter

नयी दिल्ली, 7 फरवरी : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई और कहा कि ‘‘विचारधारा में इस तरह की गिरावट’’ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे भी नेता हैं जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. किसी का नाम लिए बिना गडकरी ने कहा, ‘‘मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती.’’ मंत्री यहां लोकमत मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसमें सांसदों को उनके बेहतरीन योगदान के लिए सम्मानित किया गया.

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है. हमारी समस्या विचारों की कमी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है. और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.’’ गडकरी ने कहा, ‘‘न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं. और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं.’’ यह भी पढ़ें : Karnataka: कर्नाटक में किसानों की आत्महत्या पर CM सिद्दारमैया चुप हैं- भाजपा

इस कार्यक्रम में कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर और बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निलंबित लोकसभा सदस्य दानिश अली और माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास को सर्वश्रेष्ठ नए सांसद का पुरस्कार मिला. समारोह में भाजपा सांसद मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी सांसद राम गोपाल यादव को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर और भाजपा सांसद सरोज पांडे को साल की सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का पुरस्कार मिला.