जरुरी जानकारी | कच्चे पामतेल में गिरावट, पामोलीन में सुधार, अधिकांश तेल-तिलहन के भाव स्थिर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कच्चे पामतेल (सीपीओ) के प्रसंस्करण से इस खाद्य तेल की लागत बढ़ने के कारण मांग कमजोर रहने से देश के तेल-तिलहन बाजारों में मंगलवार को सीपीओ में गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर बंदरगाहों पर पहले की अपेक्षा कम गिरावट के साथ थोक बिक्री करने तथा कम आपूर्ति (शार्ट सप्लाई) के कारण पामोलीन तेल के दाम में सुधार आया।
नयी दिल्ली, तीन सितंबर कच्चे पामतेल (सीपीओ) के प्रसंस्करण से इस खाद्य तेल की लागत बढ़ने के कारण मांग कमजोर रहने से देश के तेल-तिलहन बाजारों में मंगलवार को सीपीओ में गिरावट देखने को मिली। दूसरी ओर बंदरगाहों पर पहले की अपेक्षा कम गिरावट के साथ थोक बिक्री करने तथा कम आपूर्ति (शार्ट सप्लाई) के कारण पामोलीन तेल के दाम में सुधार आया।
बाजार सूत्रों ने बताया कि सीपीओ का प्रसंस्करण कर उससे पामोलीन बनाने की लागत बढ़ जाती है जिसके कारण मांग कमजोर रहने से सीपीओ के दाम में गिरावट है। वहीं बंदरगाहों पर आयातक पहले पामोलीन तेल की लागत से जिस नीचे दाम पर थोक बिक्री कर रहे थे वे अब लागत से मामूली अंतर की गिरावट के साथ इसे बेच रहे हैं। इसके अलावा पामोलीन की शार्ट सप्लाई भी हो रही है जिन वजहों से पामोलीन तेल में सुधार है।
शिकॉगो एक्सचेंज कल बंद था और आज यहां 1.5-2 प्रतिशत की गिरावट चल रही है। दूसरी ओर मलेशिया एक्सचेंज में कल गिरावट थी और आज यहां मामूली सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि देश में आंदोलनरत सोयाबीन किसानों को अभी उम्मीद है कि सरकार उन्हें सोयाबीन के अच्छे दाम दिलाने का इंतजाम करेगी जिसका मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 5-7 प्रतिशत नीचे दाम है। इस वजह से सोयाबीन तिलहन में सुधार है। सस्ते आयातित सोयाबीन तेल के भरपूर आयात के बीच सोयाबीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। साधारण कारोबार के बीच सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्ववत रहे। नगण्य फसल के बीच दाम ऊंचा बोले जाने के कारण बिनौला तेल में भी सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि हार्ड ऑयल माने जाने वाले पामोलीन तेल (कम आयवर्ग में अधिक इस्तेमाल होने वाला तेल) का दाम सॉफ्ट आयल माने जाने वाले सूरजमुखी और सोयाबीन तेल से मौजूदा समय में थोक में 2-3 रुपये लीटर महंगा हो चला है। जबकि वर्ष 2022 के मई के महीने में पामोलीन तेल का दाम सूरजमुखी से लगभग 30 रुपये लीटर नीचे हुआ करता था। लेकिन खुदरा बाजार में बड़ी दुकानों पर सूरजमुखी तेल पामोलीन से 50-60 रुपये लीटर ऊंचे दाम पर बिक रहा है। सरकार को इस विसंगति की ओर सख्ती से ध्यान देना होगा। आखिर इन बातों की खोज खबर और कौन लेगा?
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,250-6,290 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,550-6,825 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,335-2,635 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 12,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,980-2,080 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,980-2,095 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,575 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,175 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,350 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,550 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,750-4,780 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,550-4,685 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,200 रुपये प्रति क्विंटल।
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