ताजा खबरें | मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, हंगामे के कारण बैठक दो बजे तक स्थगित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर जारी गतिरोध बुधवार को भी बरकरार रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली, दो अगस्त मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर जारी गतिरोध बुधवार को भी बरकरार रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मिथुन रेड्डी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसी समय विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। हाथों में तख्तियां लिए हुए कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
हंगामे के बीच ही वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
सदन में नारेबाजी लगातार जारी रहने पर पीठासीन सभापति रेड्डी ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 15 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गत सप्ताह बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस पर अगले सप्ताह सदन में चर्चा होगी और 10 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी इसका जवाब दे सकते हैं।
लोकसभा की आज की कार्यसूची में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ चर्चा एवं पारित कराये जाने के लिए सूचीबद्ध है। इस विधेयक को मंगलवार को निचले सदन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किया था।
कार्यसूची में विपक्षी सदस्यों अधीर रंजन चौधरी, ए राजा, सौगत राय, डीन कुरियाकोस, के सुरेश, पी आर नटराजन, ए एम आरिफ, सुशील कुमार रिंकू, रितेश पांडे, बेनी बेहनन और असदुद्दीन औवैसी का एक सांविधिक संकल्प भी सूचीबद्ध है जिसमें ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश’ को अस्वीकार करने का प्रस्ताव किया जाएगा।
मंगलवार को विधेयक पेश किये जाने का कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर एवं गौरव गोगोई, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी ने विरोध किया था।
इस पर सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि विधेयक पेश किये जाने के खिलाफ सारी आपत्तियां राजनीतिक हैं और इनका कोई संवैधानिक आधार नहीं है, संसद के नियमों के तहत भी इनका कोई आधार नहीं है।
शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को संपूर्ण अधिकार दिया है कि वह दिल्ली राज्य के लिए कोई भी कानून ला सकता है।
दीपक
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