नयी दिल्ली, 5 अक्टूबर : दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में नौ वर्षीय लड़की के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता की पहचान कथित रूप से उजागर करने के आरोप में राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को उच्च न्यायालय ने ट्विटर से जवाब तलब किया. गांधी ने कथित और पर मृतका और उसके माता पिता की एक तस्वीर सोशल मीडिया मंच पर साझा कर दी थी. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने जनहित याचिका पर राहुल गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह केवल ट्विटर को नोटिस जारी कर रहे हैं.
पीठ ने कहा, “हम स्पष्ट कर रहे हैं कि हम अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं. हम केवल प्रतिवादी संख्या 4 (ट्विटर) को नोटिस जारी कर रहे हैं.” इसके साथ ही पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 नवंबर तय कर दी. ट्विटर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवय्या ने अदालत को बताया कि गांधी का ट्विटर खाता निलंबित कर दिया गया था और जिस ट्वीट पर मामला दर्ज है उसे हटा दिया गया था क्योंकि उससे ट्विटर की नीति उल्लंघन होता था. यह भी पढ़ें : Vagina में मादक पदार्थ छिपाकर ले जा रही थी महिला तस्कर, अधिकारियों को देख छूटे पसीने, खुल गई पोल
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा और वकील तरन्नुम चीमा पेश हुए. सामाजिक कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता मकरंद सुरेश महादेलकर ने याचिका में आरोप लगाया है कि मृतक बच्ची के साथ उसके माता पिता की तस्वीर पोस्ट कर गांधी ने नाबालिग न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2015 तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) का उल्लंघन किया.